November 24, 2024

इंसान की औसम उम्र कोविड-19 महामारी ने घटा दी, विकास के मामले में भी पीछे चली गई दुनिया

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नई दिल्‍ली
विश्‍व को अपनी चपेट में लेने वाली कोरोना महामारी की वजह से दुनिया में विकास की राह बाधित हुई है। इसका जिक्र युनाइटेड नेशन डेवलेपमेंट प्रोग्राम की ताजा रिपोर्ट में किया गया है। इसमें कहा गया है कि कोरोना महामारी के अलावा भी कुछ दूसरे कारण भी विकास की राह में बाधा बने हैं। इन सभी की वजह से दुनिया 2016 के दौर में चली गई है। युनाइटेड नेशन द्वारा गुरुवार को जारी इस रिपोर्ट में कहा गया है कि UNDP के गठन के 30 वर्षों के दौरान ये पहला मौका है जब इस तरह से विकास की राह पूरी दुनिया में बाधित हुई है।

UNDP के द्वारा जारी आंकड़े बताते हैं कि महामारी समेत अन्‍य कारणों की वजह से दुनिया में शिक्षा का स्‍तर, जीवन आयु और रहन-सहन का स्‍तर में गिरावट आई है। 2020 और 2021 के दौरान इसमें जबरदस्‍त गिरावट दर्ज की गई है। UNDP के प्रमुख Achim Stener ने एएफपी से हुई बातचीत के दौरान कहा कि इन आंकड़ों का सीधा अर्थ है कि हम जल्‍द मर जाएंगे। उनके मुताबिक आंकड़ों के तीन स्‍तर से इस बात का पता लगाया जा सकता है कि आखिर मौजूदा समय में हर कोई इतना परेशान और हताश क्‍यों है। लोग मौजूदा समय में अपने भविष्‍य को लेकर चिंतित हैं।

स्‍टेनर के मुताबिक 2020 से पहले विकास की दर लगातार ऊपर की तरफ थी जो महामारी के बाद 2021 में लगातार गिरती चली गई। कोरोना महामारी के अलावा राजनीतिक, आर्थिक और क्‍लाइमेट संबंधी दिक्‍कतों ने भी इसको बाधित किया है। ये दिक्‍कतें पहले भी थीं लेकिन महामारी के दौरान इनमें जबरदस्‍त बढ़ोतरी देखी गई है। इस दौर में विश्‍व के 90 फीसद देश इसकी चपेट में आए हैं।

इस रिपोर्ट में कहा गया है कि कुछ देश महामारी से उबर कर विकास की राह पर अग्रसर होने में कामयाब रहे हैं, लेकिन कई देश अब भी इससे जूझ रहे हैं। दक्षिण अमेरिकी देश, अफ्रीकी देश, दक्षिण एशिया के देश और कैरेबियन देश इसमें प्रमुख हैं। रिपोर्ट में रूस-यूक्रेन युद्ध का भी जिक्र किया गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि इस युद्ध से सामने आए खाद्य संकट का आकलन इस रिपोर्ट में नहीं किया गया है। बावजूद इसके ये तय है कि 2022 सही नहीं गुजरने वाला है।

रिपोर्ट की मानें तो जीवन की आयु के मामले में करीब ढाई वर्ष की गिरावट आ चुकी है। रिपोर्ट के मुताबिक यूरोप के देश अजरबेजान, यूक्रेन, फ्रांस और स्विटजरलैंड में इसका काफी असर देखने को मिला है। वहीं एशिया में अफगानिस्‍तान, भारत, चीन और हांगकांग सबसे आगे हैं। ओशियाना देशों में पापुआ न्‍यू गिनी, पलाऊ औ, ब्र अमेरिका, कनाडा, मिडिल ईस्‍ट में यमन फलस्‍तीन, कतर और इजरायल, लेटिन अमेरिका और कैरिबियाई देशों में हैती, उराग्‍वे और चिली, अफ्रीकी देशों में दक्षिणी सुडान, नाइजीरिया, दक्षिण अफ्रीका और मारीशस इसमें आगे हैं। 

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