हमास का समझौता प्रस्ताव इजरायल ने ठुकराया, नाराज अमरीका ने बंद कर दी हथियारों की खेप
तेलअवीव
इजरायल और हमास के बीच सात महीने से जारी जंग थमने की बजाय और तेज हो गई। हमास की ओर से युद्ध विराम पर सहमति के बावजूद इजरायल की सेना टैंक लेकर दक्षिणी गाज़ा (Gaza) के राफा में घुस गई और मिस्र से सटे क्षेत्र पर कब्जा कर लिया। इस अभियान में 20 से ज्यादा हमास (Hamas) आतंकियों को मार गिराया। इजरायल ने यह कहते हुए युद्ध विराम के समझौते से इनकार कर दिया कि हमास जिन शतों पर तैयार हुआ, वह उसे मंजूर नहीं। इससे पहले मिस्र और कतर की मध्यस्थता के बाद हमास सीजफायर के प्रस्ताव पर सहमत हो गया।
इजरायल (Israel) के प्रधानमंत्री कार्यालय से जारी बयान के मुताबिक, हमास का प्रस्ताव उनकी मूल मांगों से बहुत दूर है। उसने हमास पर दबाव बनाने के लिए राफा में जमीनी हमले जारी रखने की बात भी दोहराई है, ताकि बंधकों की सुरक्षित रिहाई को सुनिश्चित किया जा सके। सात महीने के संघर्ष में इजरायल ने अब राफा छोडकऱ पूरे गाजा पर कब्जा कर लिया है। राफा पर हमले से पहले इजरायल ने नागरिकों को सुरक्षित निकलने का अल्टीमेटम भी दिया है।
अमरीका खफा, पहली बार रोकी हथियारों की खेप
राफा पर इजरायल के अडिय़ल रुख से अमरीका ने नाराजगी जाहिर की है। इसी के चलते सात महीने में (Israel-Hamas War) पहली बार अमरीका ने इजराइल को भेजी जा रही गोला-बारूद की खेप रोकी है। न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक इस खेप में मिसाइल और अन्य हथियार शामिल हैं। इससे पहले विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन भी इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को चेतावनी दे चुके हैं कि राफा में सैन्य अभियान से अमरीका-इजराइल के संबंधों पर गलत असर पड़ेगा।
तीन फेज में 42 दिन युद्ध विराम चाहता है हमास
हमास की ओर से जिस समझौते पर सहमति जताई गई है, वह 42 दिन तक तीन चरणों में चलेगा।
पहला चरण
इजराइल गाजा पर हमले रोकेगा। इजराइली सेना गाजा में हेलिकॉप्टरों और ड्रोन्स से हर दिन निगरानी नहीं करेगी। हमास 33 इजराइली बंधकों को रिहा करेगा। हर बंधक की रिहाई के बदले इजरायल 30 फिलिस्तीनियों को अपनी जेल से रिहा करेगा।
दूसरा चरण
इजराइल-हमास अगले फेज की शर्तों पर चर्चा करेंगे। इसमें बचे हुए इजरायली बंधकों की रिहाई पर वार्ता केंद्रित होगी। गाजा में बचे हुए इजरायली सैनिक पीछे हटेंगे।
तीसरा चरण
गाजा में मारे गए इजरायली बंधकों के शव वापस लाए जाएंगे। गाजा को फिर से बसाने पर चर्चा होगी। इसको मिस्र, कतर और अमरीका मॉनिटर करेंगे।