November 27, 2024

जल्द ही OTT पर बाहुबली की एनिमेशन सीरीज ‘बाहुबली: क्राउड ऑफ ब्लड’

0

मुंबई

'बाहुबली' और RRR जैसी ग्लोबल हिट फिल्में बनाने वाले फिल्ममेकर एसएस राजामौली अब एनिमेशन फिल्म में हाथ आजमाना चाहते हैं। यह खुलासा उन्होंने खुद हैदराबाद में हुए एक इवेंट में किया। अपनी सुपरहिट फिल्म 'बाहुबली' के प्रीक्वल के तौर पर OTT पर एनिमेशन सीरीज 'बाहुबली: क्राउन ऑफ ब्लड' लेकर आ रहे राजामौली ने बताया कि वह काफी सालों से एनिमेशन फिल्म बनाने के बारे में सोच रहे हैं।

एसएस राजामौली ने कहा, 'एनिमेशन फिल्म बनाने का ख्याल मेरे दिमाग में बहुत वक्त से है। मैं जैसे-जैसे फिल्में बनाता हूं, वैसे-वैसे सीखता हूं और फिर उस जानकारी का उपयोग अपनी फिल्मों में करता हूं। अपनी फिल्म 'ईगा' (मक्खी) में मैंने एनिमेशन का एक छोटा पार्ट रखा था। वहीं, 'बाहुबली: क्राउन ऑफ ब्लड' के को-प्रड्यूसर शरद देवराजन का काम देखकर मुझे काफी कुछ सीखने को मिला है, ताकि मैं एक दिन उन स्किल्स का इस्तेमाल करके एनिमेशन फिल्म बनाने के अपने सपने को पूरा कर पाऊं।'

यहां 'बाहुबली' को एनिमेटेड सीरीज के रूप में लाने की वजह के बारे में राजामौली ने बताया, 'जब हम 'बाहुबली' फिल्म की दुनिया और किरदारों के ग्राफ को रच रहे थे, तभी हमें लगा था कि इसमें ऑडियंस के लिए फिल्म से ज्यादा बहुत कुछ है। हॉलीवुड में जब भी कोई ब्रांड क्रिएट होता है, वह अलग-अलग फॉर्म में आता जाता है, लेकिन इंडिया में ऐसा नहीं होता।'

सिर्फ बॉक्स ऑफिस तक नहीं चाहते 'बाहुबली' फ्रेंचाइज
राजामौली ने आगे कहा, 'इंडिया में अगर फिल्म अच्छी चलती है, तो बस बॉक्स ऑफिस पर चलकर खत्म हो जाती है। हम ऐसा नहीं चाहते थे। हम इस फ्रेंचाइज को आगे बढ़ाना चाहते थे, लेकिन हमें पता नहीं था कि यह कैसे करें। हमने कई तरीके में उसे लाने की कोशिश की, हमने गेम, वीआर फिल्म, सीरीज सब बनाने की कोशिश की और यह सीखा कि इसके लिए सही लोगों से जुड़ना बहुत जरूरी है। हम फिल्म बनाने में एक्सपर्ट हैं। एनिमेशन या गेमिंग में नहीं हैं तो हमें सही व्यक्ति को खोजने में वक्त लगा।'

'बाहुबली' को आम लोगों तक पहुंचाने का मकसद
एसएस राजामौली ने आगे बताया, 'फिर, जब हमें शरद देवरंजन ने इसे एनिमेशन में बनाने का अपना विजन बताया कि कैसे भारत जैसे विविधतापूर्ण देश में एनिमेशन बच्चों के कार्टून फिल्मों से आगे नहीं जा पाया है, और वह इसे जापान और पश्चिमी देशों की तरह आम लोगों तक पहुंचाना चाहते हैं, तो हम उनसे जुड़े कि वह इस कहानी को और ले जाएं। हालांकि, मेरे लिए खुद को पीछे रखकर 'बाहुबली' को शरद के हाथों में सौंपना बहुत मुश्किल फैसला था, लेकिन जब मैंने उन्हें 'बाहुबली' को लेकर अपना विजन समझाया कि बाहुबली की आत्मा क्या थी जिससे लोग जुड़े तो उन्होंने उसे समझा और उसे बहुत अच्छे से आगे लेकर आए हैं। हमारी कोशिश बाहुबली को बहुत से अलग-अलग मीडियम में लेकर जाना है। हमारे यहां एक बड़ी तादाद फिल्म से इतर किताबों, कॉमिक्स, गेम्स, एनिमेशन जैसे माध्यमों से कहानियां देखती है, हमें बाहुबली को इन सभी माध्यमों में लोगों तक पहुंचाना है।'

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *