केजरीवाल की बढ़ेंगी मुश्किलें, आरोपी बनाने की तैयारी कर चुकी ED
नई दिल्ली
दिल्ली शराब घोटाले में सूबे के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की मुसीबतें बढ़ने जा रही है. प्रवर्तन निदेशालय (ED) कल इस मामले में दिल्ली सीएम के खिलाफ चार्जशीट दाखिल करने जा रही है. यह पहली बार होगा, जब केजरीवाल का नाम चार्जशीट पर दाखिल होगा.
ईडी अपनी चार्जशीट में केजरीवाल का नाम मुख्य साजिशकर्ता और किंगपिन के तौर पर दर्ज करने जा रही है. प्रवर्तन निदेशालय का दावा है कि उसने अरविंद केजरीवाल से जुड़े मनी ट्रेल का पता लगा लिया है. कल सुप्रीम कोर्ट केजरीवाल की अंतरिम जमानत पर भी सुनवाई कर सकता है.
कोर्ट ने पूछा था- समन क्यों टाले
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान उनके वकील से पूछा था कि केजरीवाल ने 9 बार समन को क्यों टाला. जस्टिस संजीव खन्ना ने पूछा था कि ईडी ने केजरीवाल को 9 बार नोटिस भेजा, उन्होंने हर बार क्यों टाल दिया? इस पर अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा था, 'जब सीबीआई ने बुलाया तो वह गए. अरविंद केजरीवाल ने ईडी के नोटिस का विस्तार से जवाब दिया. लेकिन ईडी यह नहीं कर सकती कि आप समन भेजने पर नहीं आए, इसलिए हमने गिरफ्तार किया. ईडी दफ्तर न जाना उनका अधिकार है. इस पर अलग से मुकदमा चलाया जा रहा है. यह गिरफ्तारी का आधार या कारण नहीं हो सकता. ईडी ने गिरफ्तारी से पहले पीएमएलए की धारा 50 के तहत केजरीवाल का बयान दर्ज नहीं किया. संजय सिंह के मामले में भी ऐसा ही हुआ था.'
जांच एजेंसी ने कोर्ट में क्या कहा था?
ED ने कोर्ट में कहा था कि केजरीवाल को जांच में सहयोग करने के सिलसिले में पूछताछ के लिए 9 बार समन जारी किए गए. 9 समन के बावजूद अरविंद केजरीवाल प्रवर्तन निदेशालय के सामने पेश न होकर पूछताछ से बच रहे थे. ED ने कहा था कि घोटाले की अवधि के दौरान 36 व्यक्तियों ने करीब 170 से ज्यादा मोबाइल फोन बदले और नष्ट कर किये गए. ED ने अपने जवाब में केजरीवाल की उन दलीलों को भी नकारा था, जिनमें आरोप लगाया गया था कि चुनाव के वक्त गिरफ्तार करके उन्हें चुनाव प्रचार से रोकने का काम किया गया है.
21 मार्च से जेल में हैं केजरीवाल
दिल्ली के कथित शराब घोटाले में ईडी ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को 21 मार्च को गिरफ्तार किया था. इससे पहले ईडी ने उन्हें मामले में पूछताछ के लिए 9 समन जारी किए थे. हालांकि, केजरीवाल किसी भी समन पर पेश नहीं हुए थे. केंद्रीय जांच एजेंसी का आरोप है कि वह घोटाले के मुख्य साजिशकर्ता थे और सीधे तौर पर शराब कारोबारियों से रिश्वत मांगने में शामिल थे. इन आरोपों को खारिज करने वाली AAP कहती रही है कि दिल्ली में कोई नेतृत्व परिवर्तन नहीं होगा और मुख्यमंत्री केजरीवाल जेल से ही सरकार चलाएंगे.
21 मार्च को गिरफ्तार किए गए केजरीवाल को अभी तक आरोपी नहीं बनाया गया है। सूत्रों का कहना है कि ईडी ताजा चार्जशीट में केजरीवाल समेत कुछ अन्य लोगों को आरोपी बना सकती है। यह भी बताया गया है कि केजरीवाल को मुख्य साजिशकर्ता के रूप में पेश किया जाएगा। इससे पहले भी कोर्ट में मौखिक रूप से ईडी के वकील केजरीवाल को मुख्य साजिशकर्ता और सरगना बता चुके हैं।
इस मामले की जानकारी रखने वाले विशेषज्ञों का कहना है कि यदि अरविंद केजरीवाल को आरोपी बनाया जाता है तो जल्द ही आम आदमी पार्टी को भी अभियुक्त बनाया जा सकता है, जिसके वह प्रमुख हैं। यह पहली बार होगा जब किसी राजनीतिक दल को मनी लॉन्ड्रिंग केस में आरोपी बनाया जाएगा। यदि ऐसा होता है तो यह आम आदमी पार्टी के लिए अब तक का सबसे बड़ा झटका होगा। कथित शराब घोटाले से जुड़े केस में अरविंद केजरीवाल के अलावा दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया भी जेल में बंद हैं। आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह को भी चार महीने तक जेल में रहना पड़ा।
क्या चार्जशीट का अंतरिम जमानत पर भी असर होगा?
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को हुई सुनवाई के दौरान कहा था कि केजरीवाल दिल्ली के मुख्यमंत्री हैं, आदतन अपराधी नहीं। लोकसभा चुनाव पांच साल में आता है और इसलिए प्रचार के लिए उन्हें अंतरिम जमानत देने पर विचार किया जा सकता है। हालांकि, ईडी ने इसका पुरजोर विरोध किया था। सुप्रीम कोर्ट 10 मई को इस मामले की सुनवाई के बाद फैसला सुना सकता है। माना जा रहा है कि सर्वोच्च अदालत में सुनवाई से पहले ईडी ट्रायल कोर्ट में चार्जशीट पेश कर सकती है। केंद्रीय जांच एजेंसी सुप्रीम कोर्ट में इस तथ्य को रखकर अपना पक्ष मजबूत कर सकती है कि केजरीवाल के खिलाफ चार्जशीट दायर की जा चुकी है।