September 25, 2024

नक्सलवाद को रोकने कबीरधाम जिले में चार और नए फारवर्ड कैम्प खोले गए, नक्सली मूवमेंट पर कसेगी नकेल

0

कबीरधाम

राज्य में नई सरकार गठित होने के बाद से प्रदेशभर में नक्सलियों पर ताबड़तोड़ कार्रवाई की जा रही है। बड़ी संख्या में नक्सली मारे गए और बड़ी संख्या में नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया। इसी कड़ी में नक्सलवाद को रोकने के लिए कबीरधाम जिले में चार और नए फारवर्ड कैम्प खोले गए। नक्सली मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ को जोडऩे वाले कबीरधाम जिले के जंगलों का उपयोग एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाने के लिए करते हैं। ऐसे में उनके रास्ते पर ही नए फारवर्ड कैम्पों की स्थापना की गई है ताकि नक्सलियों के मूवमेंट को जिले के जंगलो में रोका जा सके।

इन कैम्पों की स्थापना से नक्सली गतिविधियों में कमी आएगी। नक्सलियों को बैकफुट में धकेलने के लिए जिले में भी छह नए फारवर्ड कैम्प प्रस्तावित किए गए। इसमें चार कैम्प स्थापित हो चुके हैं। इसमें तीन कैम्प चिल्फी थाना अंतर्गत बेंदा, मारा डबरा और खिलाही (बहनाखोदरा) कैम्प शामिल हैं। वहीं झलमला थाना अंतर्गत कुमान (समनापुर जंगल) में एक कैम्प खोला गया है। वहीं कबीरपथरा और धनवाही में दो कैम्प प्रस्तावित हैं।

पहले भी खोले जा चुके हैं कैम्प

पूर्व में भी जिले के कुंडपानी, महिडबरा, तेलीटोला, पंडरीपानी और कोयलारझोरी में कैम्प खोले गए। वहां पर पुलिस, 17वीं वाहिनी के सीएफ के जवान तैनात हैं। इन कैम्प के कारण नक्सलियों को रूट ही बदलना पड़ा। इस कैम्प के कारण भी नक्सलियों की चहलकदमी जिले में कम होती गई। इसके चलते ही अब और बेस कैम्प खोले जा रहे हैं ताकि नक्सलियों के आवागमन पूरी तरह से बंद हो जाए।

पुलिस अधीक्षक डॉ अभिषेक पल्लव का कहना है कि पिछले दो महीनों में छत्तीसगढ़ सशस्त्र पुलिस द्वारा सीजी-एमपी सीमा पर कबीरधाम में चार फॉरवर्ड ऑपरेशनल सुरक्षा शिविर खोले गए हैं। दो और शिविर शीघ्र ही खोले जाएंगे।

छत्तीसगढ़ में कवर्धा जिले को भी नक्सल प्रभावित जिला माना जाता है यहाँ भोरमदेव कवर्धा डिवीजन के सक्रियता बताई जाती है । 

स्थानीय विधायक एवं छत्तीसगढ़ सरकार में गृह मंत्री विजय शर्मा का कवर्धा गृह ग्राम है । स्थानीय  जन प्रतिनिधि होने के नाते कवर्धा की सुरक्षा को लेकर संजीदा विजय शर्मा ने पुलिस विभाग के साथ व्यापक समीक्षा कर मार्गदर्शन दिया ।  नक्सलियों को बैक फुट में धकेलने के लिए जिले में भी 6 नये फारवर्ड कैम्प प्रस्तावित किये गए ।  जिनमें चार कैम्प स्थापित हो चुके है । कुमान,बेंदा ,मारा डबरा और ख़िलाही कैम्प शामिल है । 

ऐसा माना जाता है नक्सली मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ को जोड़ने वाले कवर्धा जिले के जंगलो का उपयोग एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाने के लिए करते है इन 4 नए फारवर्ड कैम्पो की स्थापना इसके मद्देनजर की गई है ताकि नक्सलियों के मूमेंट को जिले के जंगलो में रोका जा सके । ऐसा माना जा रहा है इन कैम्पो के स्थापना से नक्सली गितिविधियो में कमी होगी । इसके साथ ही नक्सली पकडने या मारने में मदद करने के लिए लोगो को जागरूक और पारितोष देकर प्रोत्साहन देने की भी बात कही जा रही है । 

डबल इंजन की सरकार का नतीजा

इस पूरे विषय पर छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री व गृहमंत्री विजय शर्मा ने कहा, प्रदेश में डबल इंजन की सरकार आने के बाद से नक्सल मोर्चे पर काफी सकारात्मक चीजें दिख रही हैं। नक्सलियों के मांद में जाकर जवानों के कैंप खोले गए इससे नक्सलियों के हौसले पस्त होंगे । उन्होंने यह भी कहा कभी भी बुलेट के नोक पर विकास संभव नही है । क्षेत्र में विकास के लिए लोकतंत्र ही सशक्त माध्यम है । उन्होंने कहा हम लगातार यह कह भी रहे है नक्सली जब चाहे सरकार बातचीत के लिए तैयार है । उन्हें हथियार छोड़कर मुख्यधारा में लौटना चाहिए । 

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी राज्य में सरकार गठन के बाद संकेत दिए है नक्सल मुक्त छत्तीसगढ़ बनाने की दिशा में हम आगे बढ़ रहे है । हाल ही में बड़ी संख्या में नक्सलियों के मारे जाने के बाद लोगो मे एक उम्मीद जगी है कि जल्द ही छत्तीसगढ़ नक्सल मुक्त होगा ।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *