जो बाइडेन ने यह कबूल किया है कि अमेरिका की ओर से इजरायल को दिए बमों से ही गाजा में निर्दोष फिलिस्तीनी मारे गए
वॉशिंगटन
जो बाइडेन ने यह कबूल किया है कि अमेरिका की ओर से इजरायल को दिए बमों से ही गाजा में निर्दोष फिलिस्तीनी मारे गए। उन्होंने कहा कि जिन भारी बमों से गाजा में नागरिक मारे गए हैं, वे अमेरिका से ही इजरायल को मिले थे। यही वजह है कि अब हम राफा पर इजरायल की हमले वाली प्लानिंग से पहले उन्हें हथियार नहीं सप्लाई करना चाहते। जो बाइडेन ने कहा कि इन हथियारों का इजरायल राफा में इस्तेमाल कर सकता है। हालांकि बाइडेन ने यह भी कहा कि हम इजरायल की सुरक्षा के लिए तत्पर हैं। हम उन्हें आयरन डोम रॉकेट इंटरसेप्टर्स देंगे और अन्य रक्षा हथियार भी मुहैया कराएंगे। लेकिन उसने राफा पर हमला किया तो हम फिर उसे हथियार नहीं देंगे।
इस तरह बाइडेन ने पहली बार मान लिया है कि इजरायल ने जिन बमों से फिलिस्तीनियों को मारा, वे उसके ही दिए हुए थे। इंटरव्यू में जो बाइडेन ने इजरायल के लिए हथियार सप्लाई रोकने की बात कही है। इससे पहले एक मीडिया रिपोर्ट में भी दावा किया गया था कि अमेरिका की ओर से भारी बमों की शिपमेंट रोक दी गई है। अमेरिका की ओर से ऐतिहासिक तौर पर इजरायल को मिलिट्री सहायता दी जाती रही है। बीते साल 7 अक्टूबर को हमास ने इजरायल पर हमला बोल दिया था। इस भीषण अटैक में 1200 लोग मारे गए थे और 250 लोगों को बंधक बना लिया गया था। अब भी करीब 50 से ज्यादा लोग हमास के पास ही बंधक हैं।
इजरायल ने इसके जवाब में भीषण हमले गाजा पट्टी पर किए थे। तब अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस जैसे पश्चिमी देशों ने खुलकर उसका साथ दिया था। अब तक इजरायल के हमलों में 35 हजार से ज्यादा फिलिस्तीनी मारे गए हैं और पूरी दुनिया में मुस्लिम देश इसके खिलाफ हैं। इसके अलावा रूस, चीन जैसी शक्तियां भी इजरायल के पक्ष में नहीं हैं। ऐसे में अमेरिका भी अब बैकफुट पर आता दिख रहा है और वह इजरायल को समझा रहा है कि राफा पर हमला न करे। वहीं बेंजामिन नेतन्याहू का कहना है कि वह इजरायल की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं और वह इसके लिए किसी पर निर्भर नहीं हैं। हमास और इजरायल के बीच जारी जंग में ऐसा पहली बार है, जब दोनों आमने-सामने आ गए हैं।