रूसी हमलों के चलते यूक्रेन में बिजली की भारी किल्लत
रूसी हमलों के चलते यूक्रेन में बिजली की भारी किल्लत
लुहान्स्क के तेल डिपो पर यूक्रेन के मिसाइल हमले में 3 की मौत
भारत के साथ व्यापार बढ़ाने पर तेजी से काम कर रहा अमेरिका : वरिष्ठ अधिकारी
कीव,
यूक्रेन की सरकारी ऊर्जा कंपनी उक्रनेर्गो ने कहा है कि रूसी मिसाइल और ड्रोन हमलों के चलते देश में बिजली की भारी किल्लत हो गई है।
उक्रेनर्गो ने टेलीग्राम पर एक पोस्ट में कहा, ''यूक्रेन के बिजली संयंत्र बड़े पैमाने पर क्षतिग्रस्त हो गए हैं। अब ये बिजली का उत्पादन करने में असमर्थ हैं।''
समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, बिजली की कमी को आंशिक रूप से दूर करने के लिए देश औद्योगिक उपभोक्ताओं के लिए शुक्रवार शाम 6 बजे से शनिवार सुबह 7 बजे तक बिजली सीमा कार्यक्रम लागू कर रहा है।
इस बीच, वह घरेलू घाटे को पूरा करने के लिए पिछले दो दिनों से यूरोपीय संघ के देशों से बिजली का आयात भी कर रहा है।
उक्रेनर्गो ने कहा कि रूस इस साल पहले ही यूक्रेन की ऊर्जा प्रणाली पर पांच बड़े हमले कर चुका है।
यूक्रेनी अधिकारियों के अनुसार, बुधवार को रूस ने छह यूक्रेनी क्षेत्रों में बिजली उत्पादन और ट्रांसमिशन सुविधाओं को निशाना बनाकर 55 मिसाइल और 21 ड्रोन दागे।
यूक्रेन की सबसे बड़ी निजी ऊर्जा कंपनी डीटीईके ने कहा कि हवाई हमलों के दौरान तीन ताप विद्युत संयंत्रों के उपकरणों को नुकसान पहुंचा है।
लुहान्स्क के तेल डिपो पर यूक्रेन के मिसाइल हमले में 3 की मौत
मॉस्को,
यूक्रेन ने रोवेंकी के लुहान्स्क शहर में एक तेल डिपो पर मिसाइल हमला किया, जिसमें तीन लोगों की मौत हो गई और आठ अन्य घायल हो गए।
समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, हमले से तेल डिपो में आग लग गई और इसके आसपास के घर भी क्षतिग्रस्त हो गए।
स्थानीय नेता लियोनिद पास्चनिक ने कहा कि मरने वालों की संख्या बढ़कर तीन हो गई है। हमले में घायल आठ लोगों को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
हमले में आवासीय घर, कृषि मशीनरी और नागरिक वाहन भी क्षतिग्रस्त हुए हैं।
भारत के साथ व्यापार बढ़ाने पर तेजी से काम कर रहा अमेरिका : वरिष्ठ अधिकारी
डलास
अमेरिका के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा है कि अमेरिका, भारत का एक अहम पार्टनर है और यह आर्थिक संबंधों को और बढ़ाने पर तेजी से काम कर रहा है।
सहायक वाणिज्य सचिव अरुण वेंकटरमन ने कहा, "मैं वास्तव में मानता हूं कि भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय आर्थिक संबंधों के ये अच्छे दिन हैं।"
उन्होंने न्यूयॉर्क में विश्व व्यापार सप्ताह से पहले संवाददाताओं से कहा, "हम भारत से आर्थिक सहयोग बढ़ाने के और तरीके ढूंढ रहे हैं।"
उन्होंने कहा, ''अमेरिका के लिए भारत और भी अधिक महत्वपूर्ण भागीदार बन गया है। पिछले कुछ वर्षों में भारत के साथ बढ़ती भागीदारी से हम आश्चर्यचकित हैं।"
अमेरिकी अंतर्राष्ट्रीय व्यापार प्रशासन के अनुसार, भारत और अमेरिका के बीच कुल व्यापार 2022 में 191 बिलियन डॉलर से अधिक हो गया, जो 2014 से लगभग दोगुना है।
वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान अमेरिका से भारत में एफडीआई 103 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया, जबकि 2021 में अमेरिका में भारतीय एफडीआई प्रवाह 14.4 बिलियन डॉलर था, जिससे 72,000 से ज्यादा अमेरिकी नौकरियां पैदा हुईं।
एक पत्रकार द्वारा यह पूछे जाने पर कि क्या अमेरिका भारत के साथ मुक्त व्यापार समझौते पर विचार करेगा, वेंकटरमन ने सीधे तौर पर कुछ नहीं कहा। हालांकि उन्होंने ये जरूर कहा कि इंडो-पैसिफिक इकोनॉमिक फ्रेमवर्क फॉर प्रॉस्पेरिटी (आईपीईएफ) में भारत की भागीदारी बढ़ी है।
उन्होंने कहा, "मुक्त व्यापार समझौता अच्छी चीज़ है, लेकिन हमें यह भी याद रखना चाहिए कि यह एक उपकरण मात्र है।"
उन्होंने आगे कहा, "हमें इस बात पर गर्व है कि हमारे सभी इंडो-पैसिफिक साझेदारों की मदद से हम कुछ ही समय में सामूहिक रूप से इंडो-पैसिफिक आर्थिक ढांचे को लागू करने की दिशा में आगे बढ़ने की स्थिति में आ गए हैं।"
वेंकटरमन ने कहा, "यह आगे चलकर आपूर्ति श्रृंखला के व्यवधानों को कम करने और इसे अधिक मजबूत बनाने में मदद करेगा।"
तमिलनाडु में जन्मे वेंकटरमन के पास अमेरिका और विदेशी वाणिज्यिक सेवा के महानिदेशक होने के अलावा वाणिज्य विभाग में वैश्विक बाजार पोर्टफोलियो भी है।