EPFO ने दी छह करोड़ सब्सक्राइबर्स को गुड न्यूज, 3-4 दिन में होसेटलमेंट
नई दिल्ली
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के छह करोड़ से अधिक सब्सक्राइबर्स के लिए अच्छी खबर है। ईपीएफओ के सदस्यों को शिक्षा, शादी और हाउसिंग एडवांस के लिए ज्यादा इंतजार नहीं करना पड़ेगा। क्लेम करने के तीन से चार दिन में उनके अकाउंट में पैसा आ जाएगा। लेबर मिनिस्ट्री ने एक बयान में कहा कि ईपीएफ योजना, 1952 के पैरा 68के (शिक्षा और विवाह) और 68बी (मकान के लिए एडवांस) के तहत सभी दावों को ऑटो क्लेम सेटलमेंट फैसिलिटी के अंतर्गत लाया गया है। इस तरह के क्लेम अब बिना मानव हस्तक्षेप के आईटी सिस्टम ऑटोमैटिकली प्रोसेस कर देगा। पहले इसमें 10 दिन का समय लगता था लेकिन अब यह काम तीन से चार दिन में हो जाएगा। इस फैसलिटी को पहली बार कोरोना काल में अप्रैल 2020 में शुरू किया गया था। बीमारी से जुड़े एडवांस के सेटलमेंट के लिए इसे शुरू किया गया था। इस साल 2.25 करोड़ मेंबर्स के इस सुविधा का फायदा उठाने की उम्मीद है।
ईपीएफओ ने साथ ही बीमारी से जुड़े एडवांस की सीमा दोगुना कर 1,00,000 रुपये कर दी है। पहले यह को पहले के 50,000 रुपये थी। इस कदम से लाखों ईपीएफओ सदस्यों को फायदा होने की उम्मीद है। ईपीएफओ ने बीते वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान 4.45 करोड़ दावों का निपटान किया है। इनमें से 2.84 करोड़ दावे ईपीएफ खाते से पैसा निकालने को लेकर थे। ईपीएफओ ने बयान में बताया कि वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान लगभग 4.45 करोड़ दावों का निपटान किया। इनमें से 60 प्रतिशत से अधिक (2.84 करोड़) अग्रिम दावे (बीमारी, शादी, शिक्षा जैसे आधार पर पैसे निकालने के लिए) थे। वर्ष के दौरान पैसे निकालने को लेकर निपटाए गए दावों में से लगभग 89.52 लाख दावों का सेटलमेंट ऑटो फैसिलिटी के जरिए किया गया।
क्या है यह प्रोसेस
यह ऑटो सेटलमेंट प्रोसेस पूरी तरह आईटी से संचालित है और इसमें मानवीय हस्तक्षेप नहीं होता। इसलिए ऐसे एडवांसेज के लिए दावा निपटान में लगने वाला समय 10 दिन से घटकर तीन-चार दिन रह गया है। जिन दावों का प्रणाली से सत्यापन नहीं हो पाता है, उन्हें वापस या अस्वीकार नहीं किया जाता है। उन्हें दूसरे स्तर की जांच और अनुमोदन के लिए आगे बढ़ाया जाता है। आवास, विवाह और शिक्षा आदि उद्देश्यों के लिए तकनीकी आधारित स्वत: दावों के निपटान की व्यवस्था सीधे तौर पर कई सदस्यों को कम समय में कोष का लाभ उठाने में मदद करेगी। इस व्यवस्था को छह मई, 2024 को पूरे देश में लागू किया गया और तब से ईपीएफओ ने त्वरित सेवा प्रदान करने वाली इस पहल के तहत 45.95 करोड़ रुपये के 13,011 मामलों को मंजूरी दी है।