पवन सिंह की मां भी चुनाव मैदान में, बेटे का नामांकन रद्द होने के डर से किया नामांकन
काराकाट/पटना.
काराकाट लोकसभा सीट दिन प्रतिदिन और भी हॉट सीट बनती जा रही है। जैसे-जैसे मतदान का दिन करीब आ रहा है वैसे-वैसे काराकाट की राजनीतिक सरगर्मी तेज होती जा रही है। मंगलवार को नामांकन का आखिरी दिन था।आखिरी दिन काराकाट लोकसभा से भोजपुरी के पावर स्टार पवन सिंह की मां प्रतिमा देवी ने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में अपना नामांकन पर्चा दाखिल किया है।
पवन सिंह की मां बिना शोर-शराबे के कलेक्ट्रेट पहुंचीं। इसके बाद चुपचाप रवाना हो गईं। उनके साथ सिर्फ प्रस्तावक थे। बिना किसी नारेबाजी और फूलमाला के सादगी के साथ नामांकन कर वापस चली गईं। इसके पूर्व पिछले नौ मई को पवन सिंह ने अपना नामांकन किया था। पवन सिंह के नामांकन रद्द होने की आशंका पर मां ने भी नामांकन किया है। 15 मई को नामांकन पत्रों की जांच होगी, जबकि 16 मई तक नामांकन वापस लेने की अंतिम तिथि है।
पवन सिंह के समर्थकों को उनका नामांकन रद्द होने का डर
इसके बाद इस बात की चर्चा थी कि भोजपुरी सुपरस्टार पवन सिंह का नामांकन षड्यंत्र के तहत रद्द कर दिया जा सकता है। पवन सिंह के टीम की ओर से बताया गया कि नॉमिनेशन एक संवैधानिक प्रक्रिया है और कोई भी प्रत्याशी अपना नामांकन पत्र दाखिल करने के अलावा अपने किसी करीबी रिश्तेदार के नाम पर भी नामांकन करता है। नामांकन में त्रुटि होने या अन्य कोई कारण यदि उसका नॉमिनेशन रद्द हो जाए तो उसके करीबी के नॉमिनेशन के आधार पर वह चुनाव लड़ सकता है। इसलिए एहतियातन के तौर पर पवन सिंह ने भी औरों की तरह अपनी मां प्रतिमा देवी का नामांकन काराकाट लोकसभा क्षेत्र से करवाया है। यह कोई अचंभित बात नहीं है यह सिर्फ संवैधानिक प्रक्रिया है।
पवन सिंह जनता को भरमाने की कोशिश कर रहे
उपेंद्र कुशवाहा की पसंदीदा काराकाट सीट पर मतदान लोकसभा चुनाव के सातवें चरण में एक जून को होगा। अभी चौथे और पांचवें चरण की लोकसभा सीटों पर ज्यादातर दलों का ध्यान है। यहां एनडीए ने उपेंद्र कुशवाहा को मैदान में उतारा है। वहीं भाजपा से टिकट नहीं मिलने पर पवन सिंह निर्दलीय ही मैदान में उतर चुके हैं। महागठबंधन की ओर से कॉम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) ने राजा राम सिंह को उतारा है और वह इस बात से खुश भी हैं कि एनडीए के वोटर इस नाम पर बंट रहे हैं। भाजपा नेता खुले तौर पर उपेंद्र कुशवाहा का साथ दे रहे हैं। इधर, उपेंद्र कुशवाहा भी कह रहे हैं कि पवन सिंह सिर्फ सोशल मीडिया के जरिए अपनी ताकत दिखाकर जनता को भरमाने की कोशिश कर रहे हैं।