अमित शाह ने जहां दिखाया दम तो वहीं तेजस्वी ने भी किया शक्ति परीक्षण, धुआंधार चुनावी सभाओं से बढ़ी गहमा गहमी
पटना.
केंद्रीय गृह मंत्री और भारतीय जनता पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह गुरुवार को फिर चुनावी जनसभा के लिए बिहार आए। इधर, बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री और विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव की धुआंधार चुनावी सभाओं का दौर जारी है। गुरुवार को शाह और तेजस्वी को लेकर एक बड़ा अजीब संयोग बना।
एक तरह से शक्ति परीक्षण जैसा। एक जिले में अमित शाह पहले पहुंचे और तेजस्वी उनके बाद। दूसरे जिले में तेजस्वी पहले पहुंचे और अमित शाह उसके बाद। ऐसे में राजनीतिक प्रेक्षकों की नजर इनकी जनसभाओं में पहुंचने वाली भीड़ पर रही, जबकि दोनों नेताओं को इस भीड़ के फायदे-नुकसान का गणित देखना है। दोनों गठबंधनों में इसपर माथापच्ची शुरू हो गई है कि जिले में दो अलग दिग्गजों के आने पर किसके साथ कितने लाेग नजर आए?
शाह-तेजस्वी का यह संयोग दो जिलों में
अमित शाह का कार्यक्रम दो ही जगह था, लेकिन तेजस्वी यादव गुरुवार को छह जगह जनसभाओं को संबोधित कर रहे हैं। अमित शाह दोपहर साढ़े बारह बजे सीतामढ़ी लोकसभा क्षेत्र के गोयनका काॅलेज के बाद दोपहर बाद दो बजे मधुबनी लोकसभा क्षेत्र के बिस्फी पहुंचे। दूसरी ओर, तेजस्वी यादव गुरुवार को दाेपहर बाद पौने एक बजे मधुबनी के बेनीपट्टी में कुलुआही, डेढ़ बजे दरभंगा के केवटी पहुंचे। सवा दो बजे सीतामढ़ी के सुरसंड, तीन बजे सारण के अमनौर, चार बजे मढ़ौरा और साढ़े चार बाजे वैशाली के लालगंज में जनसभा के लिए हेलीकॉप्टर से पहुंचेंगे। दोनों नेताओं के समर्थकों ने अपने हिसाब से तैयारी रखी थी। दो जिलों में अजीब संयोग के कारण एक तरफ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन और दूसरी तरफ महागठबंधन को ज्यादा ताकत झोंकनी पड़ी। किसी भी हालत में कोई अपने नेता की सभा में भीड़ कम देखने को तैयार नहीं दिखा। सीतामढ़ी में अमित शाह पहले आकर लौट गए, जबकि मधुबनी में तेजस्वी यादव की सभा खत्म होने के बाद अमित शाह पहुंच रहे हैं। दोनों नेताओं के सभास्थल का क्षेत्र अलग है, लेकिन लोकसभा सीट और जिला एक होने के कारण यह रोचक मुकाबले की तरह जान पड़ रहा है।
एक जदयू की सीट, एक भाजपा की; नीतीश नहीं
सीतामढ़ी लोकसभा सीट जनता दल यूनाईटेड के पास है। पिछली बार यहां से भाजपाई सुनील कुमार पिंटू ने जदयू के टिकट पर जीत दर्ज की थी। पिछली बार जीतने वाले सुनील कुमार पिंटू को इस बार जदयू ने मौका नहीं दिया। उनकी जगह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के करीबी देवेश चंद्र ठाकुर उतारे गए हैं। उनका मुकाबला पिछली बार हारे राजद प्रत्याशी अर्जुन राय से है। पिछली बार जदयू ने यह सीट करीब ढाई लाख वोटों के अंतर से जीती थी। इस बार इस अंतर को पाटते हुए खेल पलटने के लिए तेजस्वी यादव ने पूरी शक्ति झोंक रखी है। भाजपा नेता अमित शाह जदयू प्रत्याशी देवेश चंद्र ठाकुर के लिए आए, हालांकि तबीयत खराब होने के कारण सीएम नीतीश कुमार यहां नहीं आए। मधुबनी सीट पर इस बार राजद ने जदयू से लौटकर आए पूर्व सांसद व पूर्व केंद्रीय मंत्री अली अशरफ फातमी को उतारा है। इस सीट पर पिछली बार महागठबंधन से मुकेश सहनी की पार्टी ने प्रत्याशी दिया था। यहां भाजपा के अशोक कुमार यादव ने महागठबंधन प्रत्याशी बद्री कुमार पूर्वे को साढ़े चार लाख के अंतर से करारी शिकस्त दी थी। भाजपा की ओर से अशोक यादव फिर से मैदान में हैं और अमित शाह उन्हीं की जीत सुनिश्चित करने के लिए जनसभा कर रहे हैं। इधर, पिछले चुनाव के भारी अंतर को खत्म कर राजद इस बार फातमी को जिताने में लगा है और तेजस्वी यादव अपने इसी दावे को मजबूत करने के लिए आ रहे हैं। पिछली बार यहां कांग्रेसी पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. शकील अहमद ने निर्दलीय उतरकर महागठबंधन को कमजोर किया था, इस बार वह स्थिति नहीं है। हालांकि, दोनों को मिलाने के बाद भी भाजपा प्रत्याशी लाखों वोट के अंतर से आगे थे।