नियमों से ऊपर होंगे ब्रिटेन के नए राजा प्रिंस चार्ल्स, बिना पासपोर्ट कहीं भी दौरा, बिना लाइसेंस चलाएंगे गाड़ी
लंदन
ब्रिटेन में आधिकारिक हलकों में महारानी के निधन को 'ऑपरेशन लंदन ब्रिज' के नाम से जाना जाता है। यह एक तरह का 'प्रोटोकॉल' है, जिसे बकिंघम पैलेस के गुरुवार को 96 वर्षीय महारानी के निधन की घोषणा के बाद लागू किया गया। इसके साथ ही 'ऑपरेशन स्प्रिंग टाइड' भी लागू हुआ, जिसके तहत महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के बेटे और उत्तराधिकारी प्रिंस चार्ल्स को 73 साल की उम्र में 'महाराज चार्ल्स तृतीय' के रूप में देश की राजगद्दी पर विराजमान हुए। एलिजाबेथ द्वितीय के निधन के बाद उनके बेट वहां के राजा बनेंगे। ब्रिटेन के नए राजा बिना पासपोर्ट के यात्रा करेंगे और बिना लाइसेंस के गाड़ी चलाएंगे। साथ ही वे साल में दो बार अपना जन्मदिन मनाने की परंपरा जारी रख सकते हैं।
कोई लाइसेंस या पासपोर्ट नहीं
किंग चार्ल्स III बिना पासपोर्ट के विदेश यात्रा करेंगे। उन्हें अपने नाम पर जारी किए गए किसी दस्तावेज की आवश्यकता नहीं होगी। इसके अलावा ब्रिटेन में राजा ही एकमात्र व्यक्ति होंगे जो बिना लाइसेंस के गाड़ी चला सकते हैं।
दो जन्मदिन
चार्ल्स की मां क्वीन एलिजाबेथ द्वितीय के दो जन्मदिन थे। उनका वास्तविक जन्मदिन 21 अप्रैल को था, जो निजी तौर पर आयोजित किया जाता था। जून में दूसरे मंगलवार को एक आधिकारिक सार्वजनिक उत्सव मनाया जाता था। चार्ल्स का जन्मदिन 14 नवंबर को सर्दियों की शुरुआत में है। इसलिए संभावना है कि गर्मी के महीने में उनका भी "आधिकारिक जन्मदिन" होगा।
सार्वजनिक उत्सव
आपको बता दें कि सार्वजनि उत्सव के तौर पर द ट्रूपिंग द कलर 250 से अधिक वर्षों से मनाया जाता है। इस दौरान 1,400 से अधिक सैनिक, 200 घोड़े और 400 संगीतकार प्रदर्शन करते हैं। रॉयल एयर फोर्स फ्लाई पास्ट के साथ कार्यवाही समाप्त करती है। शाही परिवार के सदस्य मध्य लंदन में बकिंघम पैलेस की बालकनी से इसका आनंद उठाते हैं।
मतदान नहीं करेंगे
ब्रिटिश सम्राट वोट नहीं देंगे। वह ना ही चुनाव के लिए उम्मीदवार बन सकते हैं। राज्य के प्रमुख के रूप में उन्हें राजनीतिक मामलों में सख्ती से तटस्थ रहना होगा। वे संसदीय सत्रों के औपचारिक उद्घाटन में शामिल होते हैं। संसद से बने कानून को मंजूरी देते हैं। साथ ही ब्रिटिश प्रधानमंत्री के साथ साप्ताहिक बैठकें करते हैं।
हंस, डॉल्फ़िन और स्टर्जन
ब्रिटिश सम्राट सिर्फ लोगों पर शासन नहीं करता है। 12वीं शताब्दी के बाद से इंग्लैंड और वेल्स में खुले पानी में तैरते मूक हंसों को सम्राट की संपत्ति माना जाता है। हर साल टेम्स नदी पर शाही अधिकारों का प्रयोग किया जाता है। यहां हंसों को गिनने की परंपरा है। शाही विशेषाधिकार ब्रिटिश जल में स्टर्जन, डॉल्फ़िन और व्हेल पर भी लागू होता है।