योगी आदित्यनाथ ने कांग्रेस पर एक बार फिर हमला बोला है- कहा कांग्रेस के भीतर दुर्योधन की आत्मा प्रवेश कर गई
लखनऊ
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कांग्रेस पर एक बार फिर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस कहती थी कि देश के संसाधनों पर पहला हक मुसलमानों का है और अभी सीएए लागू हुआ तो उसके पेट में दर्द होने लगा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की ये दुर्बुद्धि है और उसके भीतर दुर्योधन की आत्मा प्रवेश कर गई है। योगी आदित्यनाथ ने कहा, 'कांग्रेस कहती थी कि देश के संसाधनों पर पहला हक मुसलमानों का है। कहां देश का हिंदू जाएगा? कहां सिख जाएगा?'
योगी ने कहा, 'अभी तो सीएए लागू हुआ है। आप देखो हिंदू, सिख बौद्ध और जैनी इन सभी लोगों को, जो प्रताड़ित थे पाकिस्तान-बांग्लादेश, अफगानिस्तान में… जैसे ही नागरिकता देनी प्रारंभ हुई… आप देखिए कांग्रेस के पेट में दर्द होने लगा। कह रहे हैं ये सब क्यों कर रहे हैं? अरे भाई पीड़ित मानवता की सेवा भारत नहीं करेगा तो कौन करेगा?' योगी ने कहा कि ये कांग्रेस की दुर्बुद्धि है और इनके अंदर दुर्योधन की आत्मा प्रवेश कर गई है। ये मानने वाले नहीं है इसलिए ये कहते थे कि भारत के संसाधनों पर पहला अधिकार मुसलमानों का है।
बता दें कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के पुराने भाषण के एक अंश का जिक्र करते हुए इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी कांग्रेस पर निशाना साधा था। हालांकि, तब इस बात का खंडन किया गया था कि मनमोहन सिंह ने ऐसी कोई बात नहीं कही थी। दरअसल, पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने 9 दिसंबर 2006 को 11वीं पंचवर्षीय योजना और विकास पर चर्चा के लिए राष्ट्रीय विकास परिषद की 52वीं बैठक को संबोधित किया था। इसी दौरान उन्होंने ऐसी बात कही थी, जिसका एक हिस्सा लेकर उनका विरोध किया गया था।
क्या कहा था मनमोहन सिंह ने
मनमोहन सिंह ने अपने भाषण में कहा था, 'मेरा मानना है कि हमारी सामूहिक प्राथमिकताएं बहुत स्पष्ट हैं। कृषि, सिंचाई और जल संसाधन, स्वास्थ्य, शिक्षा, ग्रामीण इन्फ्रास्ट्रक्चर में निवेश, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यकों, महिलाओं एवं बच्चों के उत्थान के लिए कार्यक्रम हमारी प्राथमिकताएं हैं। अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजातियों के लिए योजनाओं को नए सिरे से तैयार करने की जरूरत है। हमें ये सुनिश्चित करने के लिए नई योजनाएं बनानी होंगी कि अल्पसंख्यकों, विशेष रूप से मुस्लिमों को विकास में समान भागीदारी मिले। संसाधनों पर पहला हक उन्हीं का होना चाहिए।'