धार जिले के सेमल्दा में बड़वानी में छोटा बड़दा नर्मदा नदी पर 3 साल में बनेगा पुल
बड़वानी
बड़वानी जिले से गुजर रही प्रदेश की जीवनदायिनी मां नर्मदा नदी पर अब तीसरा पुल बनाने की कवायद शुरू हो गई है। राजघाट के बाद छोटी कसरावद पर बड़ा पुल बनने के बाद अब जिले के अंजड़ के ग्राम छोटा बड़दा से धार जिले के ग्राम सेमल्दा को जोड़ने के लिए नर्मदा नदी पर तीसरा बड़ा पुल बनेगा। यहां पर ब्रिज बनाने के लिए नर्मदा नदी पर निर्माण संबंधी तकनीकी जांच का कार्य शुरू हो चुका। उच्च स्तरीय ब्रिज का काम तीन वर्ष में पूरा होगा।
उक्त पुल लोक निर्माण विभाग द्वारा 68 करोड़ 3 लाख रूपये की लागत से तैयार किया जाएगा। इस पुल के निर्माण से जिले की अंजड़, ठीकरी, राजपुर, बड़वानी ओर सेंधवा तहसील के लोग सीधे धार जिले के मध्य क्षेत्र मनावर धरमपुरी ओर बाकानेर क्षेत्र से सीधे जुड़ जाएंगे। पुल निर्माण कार्य की प्रक्रिया शुरू होते ही क्षेत्र के लोगों में खुशी की लहर है।
गौरतलब है कि मप्र लोक निर्माण विभाग के सेतु विभाग द्वारा गत वर्ष 21 अगस्त को बड़वानी को धार जिले से जोड़ने के लिए मनावर सेमल्दा मार्ग से नर्मदा नदी पर एक उच्च स्तरीय पुल बनाने के लिए निविदा आमंत्रित की गई थी। पुल निर्माण के लिए कंपनी जेसीबी से खुदाई कर जमीन तैयार कर प्लांट आदि लगाने का काम शुरू हो गया है। वहीं मशीनरी व सामग्री भी आने का क्रम जारी है। यहां 750 मीटर लंबे और 12 मीटर चौड़े टू-लेन ब्रिज का निर्माण होगा। यह अंजड़ तहसील के छोटा-बड़दा से धार जिले की मनावर तहसील के ग्राम सेमल्दा को सीधा जोड़ेगा।
लंबे समय से की जा रही थी मांग, घटेगी दूरी
नर्मदा नदी पर उक्त ब्रिज के लिए लंबे समय से ग्रामीणों द्वारा मांग की जा रही थी। पुल के अभाव में क्षेत्र के लोगों को मनावर धरमपुरी ओर बाकानेर जाने के लिए 60 किमी अतिरिक्त दूरी तय करना पड़ती है, जो अब पुल बनने के बाद घटकर महज 20 किमी ही रह जाएगी।
निर्माण स्थल का टेस्टिंग और गहराई नापने का कार्य जारी
प्रोजेक्ट मैनेजर रजनीकांत श्रीवास्तव ने बताया कि नर्मदा नदी पर 750 मीटर लंबा व 12 मीटर चौड़ा पुल निर्माण किया जाएगा। जिसका ठेका तकरीबन 68 करोड़ 3 लाख रूपये में हुआ है। वर्तमान में पुल निर्माण वाले स्थान पर टेस्टिंग कार्य व नदी में पानी गहराई नपा ने का कार्य किया जा रहा है। अभी कंपनी यहां कर्मचारियों के रहने, मशीन व सामग्री की व्यवस्था की जा रही है। पुल निर्माण का कार्य करीब तीन वर्ष में किया जाएगा।
बैकवाटर की वर्तमान स्थिति को देखते हुए पुल की ऊंचाई होगी निर्धारित
प्रोजेक्ट मैनेजर श्रीवास्तव के अनुसार उक्त पुल की ऊंचाई बैकवाटर की वर्तमान स्थिति को देखते हुए निर्धारित की जाएगी। वैसे पुल की ऊंचाई लगभग 20 मीटर रहेगी। ज्ञात रहे कि नर्मदा नदी पर क्रूज चलाने की तैयारी भी की जा रही है। पुल निर्माण में इन तमाम बिंदुओं को ध्यान में रखा जाएगा। ज्ञात रहे कि नर्मदा नदी पर बना राजघाट का पुराना पुल डूब में जाने से किसी काम का नहीं रहा। वहीं छोटी कसरावद के नए पुल से वर्तमान में आवागमन हो रहा है।
चार तहसीलों के लाखों लोगों को मिलेगा लाभ
वर्तमान में इस हिस्से में दोनों जिलों के लगभग 60 से अधिक छोटे बडे गांवों के लोग नर्मदा नदी में चलने वाली नाव और मोटर बोट से जान जोखिम में डालकर आना-जाना करते हैं। ब्रिज बनने के बाद सड़क रास्ते से आवागमन सुगम हो जाएगा। आपको बता दें कि धार जिले की ओर 16 किमी का मार्ग पहले ही सीमेंटकरण हो चुका है। उच्च स्तरीय पुल बनने से लगभग 40 किमी तक का अतिरिक्त चक्कर वाहनों को नहीं काटना पड़ेगा, जिससे समय और ईंधन की भी बचत होगी। वहीं चार पहिया वाहन सीधे कुछ ही समय में बड़वानी जिला मुख्यालय सहित अंजड़ राजपुर व अन्य क्षेत्रों से मनावर क्षेत्र में पहुंच सकते हैं।