November 26, 2024

सरकारी खजाने पर भारी पड़ रहे चक्रवाती तूफान, तितली-गाजा-बुलबुल और बिपरजॉय भी मचा चुके तबाही

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कोलकाता.

पश्चिम बंगाल में चक्रवाती तूफान 'रेमल' को लेकर हाई अलर्ट है। रविवार को इस तूफान से भारी नुकसान होने की आशंका है। मौसम विभाग ने जो चेतावनी जारी की है, उसके अनुसार 26 मई को 'रेमल' चक्रवात तूफान और तेज बारिश से तबाही मचा सकता है। इसकी चपेट में पश्चिम बंगाल, ओडिशा, पूर्वोत्तर के राज्य त्रिपुरा, असम, नागालैंड और मणिपुर के कुछ हिस्से आ सकते हैं। मौसम विभाग ने केरल, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक जैसे कई दक्षिणी राज्यों में भी 28 मई तक भारी बरसात होने की चेतावनी जारी की है।

कोलकाता एयरपोर्ट पर सोमवार सुबह तक उड़ानों का संचालन निलंबित किया गया है। इस तरह के चक्रवाती तूफान में जान-माल का भारी नुकसान होता है। 'रेमल' से पहले 'तौकते', 'यास', 'फनी', 'तितली', 'गाजा', 'बुलबुल' व 'बिपरजॉय' भारी तबाही मचा चुके हैं। चक्रवाती तूफानों ने सरकार के खजाने में अरबों रुपये की चपत लगाई है। वजह, तूफान से हुई बर्बादी के बाद जीवन को सामान्य करने के लिए केंद्र एवं राज्य सरकारों को अरबों रुपये खर्च करने पड़ते हैं।

'तौकते और यास' ने सौ से अधिक लोगों की जान ली
तीन साल पहले 'तौकते और यास' ने खूब तबाही मचाई थी। हालांकि इनके गुस्से का अंदाजा, केंद्र सरकार को पहले से हो गया था। सरकार ने समय रहते कुछ उपाय कर दिए। इसके बावजूद दस हजार करोड़ रुपये से अधिक की राशि खर्च हो गई। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमों ने दिन रात लगकर 'तौकते और यास' की तबाही से 24 लाख लोगों को बचा लिया था। चक्रवाती तूफान 'तौकते और यास' ने सौ से अधिक लोगों की जान ले ली थी। साढ़े चार लाख से ज्यादा मकानों को नुकसान पहुंचा था। मछली पकड़ने वाली 65 सौ नाव और 41164 जाल पानी में बह गए थे। मई 2020 में प्रधानमंत्री मोदी ने 'तौकते और यास' से प्रभावित राज्यों का दौरा किया। चक्रवाती तूफान ने 367622.38 हैक्टेयर में लगी फसलों को भी तबाह कर दिया था। चक्रवाती तूफान 'तौकते' से गुजरात, महाराष्ट्र, गोवा, कर्नाटक, केरल तथा दादरा एवं नगर हवेली और दमन दीव संघ राज्य क्षेत्र प्रभावित हुए थे। चक्रवात 'यास' ने ओडिशा, पश्चिम बंगाल और झारखंड के हिस्सों को प्रभावित किया था। तौकते का मुकाबला करने के लिए एनडीआरएफ की 71 टीमें गुजरात, महाराष्ट्र, गोवा, केरल, कर्नाटक, तमिलनाडु, राजस्थान, दमन एवं दीव और दादरा एवं नगर हवेली में तैनात की गई थीं। इसी तरह 'यास' के मामले में एनडीआरएफ की 113 टीमें ओडिशा, पश्चिम बंगाल, झारखंड, आंध्रप्रदेश, तमिलनाडु व अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह में तैनात की गई।

राज्यों को भारी जान माल का नुकसान झेलना पड़ा
पीएम मोदी की घोषणा के तहत एनडीआरएफ से गुजरात को 1000 करोड़ रुपये, ओडिशा को 500 करोड़ रुपये, पश्चिम बंगाल को 300 करोड़ रुपये और झारखंड को 200 करोड़ रुपये की अतिरिक्त वित्तीय सहायता जारी की गई। इसके अलावा केंद्र ने वर्ष 2021 22 के लिए एसडीआरएफ में 8873.60 करोड़ रुपये केंद्रीय अंश की प्रथम किस्त के रूप में जारी किए थे। चक्रवात 'तौकते' से गुजरात में 238548, महाराष्ट्र में 13435, दीव में 405 और केरल में 83 लोगों को बचाया गया। इसी तरह चक्रवात 'यास' से ओडिशा में 703058, पश्चिम बंगाल में 1504506 और झारखंड में 17165 लोगों को बचा लिया गया। साल 2020 में 'गाजा' 'तितली' और 'बुलबुल', ये तीनों चक्रवाती तूफान भी केंद्र सरकार के खजाने पर भारी पड़ रहे थे। राज्य सरकारों को भी इनके चलते भारी जान-माल का नुकसान झेलना पड़ा। ये चक्रवात अपनी मनमर्जी से आते हैं और भारी नुकसान कर चले जाते हैं। पश्चिम बंगाल में आए चक्रवात 'बुलबुल' से हुए नुकसान की भरपाई के लिए राज्य सरकार ने 7317.48 करोड़ रुपये की सहायता राशि मांगी थी। 2019 में ही उड़ीसा में 'फनी' चक्रवाती तूफान ने तबाही मचाई थी। इसके लिए राज्य सरकार ने 5227.61 करोड़ रुपये की मांग की थी, जिसकी एवज में एनडीआरएफ के अंतर्गत अतिरिक्त वित्तीय सहायता के रूप में 3114.46 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की गई थी।

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