अब जीएसटी के दायरे में आई बांधवगढ़ पार्क में सफारी की सवारी
इंदौर
बांधवगढ़ नेशनल पार्क में सफारी की सवारी अब जीएसटी के दायरे में आएगी। मप्र की जीएसटी एडवांस रूलिंग अथारिटी ने यह निर्णय सुनाया है। एडवांस रूलिंग अथारिटी ने बांधवगढ़ पर्यटन जनसेवा समिति की याचिका पर यह निर्णय दिया है। पर्यटकों को नेशनल पार्क घूमने के लिए जीप-कार का प्रबंध करने वाली जनसेवा समिति शासन के अधीन होकर सहकारी समिति के रूप में पंजीकृत है। नेशनल पार्क में पर्यटकों की सुविधा के लिए काम करने वाली इस समिति की ओर से जीएसटी से मुक्ति के तर्क अथारिटी ने खारिज कर दिए।
जीएसटी में अथारिटी की मप्र बेंच ने दो दिन पहले यह फैसला दिया। सीजीएसटी के संयुक्त कमिश्नरद्वय वीरेंद्र जैन और मनोज कुमार चौबे प्रदेश की एडवांस रूलिंग अथारिटी के सदस्य हैं। अथारिटी के इस निर्णय के साथ ही बांधवगढ़ पार्क में सफारी सेवा के शुल्क पर पांच प्रतिशत जीएसटी लागू हो गया है। फैसले के बाद पार्क में सफारी के टिकट की मूल्य वृद्धि होना तय है। साथ ही एडवांस रूलिंग अथारिटी के इस निर्णय पर बहस भी शुरू हो गई है और देश के अन्य नेशनल पार्क में भी मप्र के इस फैसले को उदाहरण के बतौर लिया जा सकता है।
जीएसटी से रखें मुक्त – बांधवगढ़ पर्यटन जनसेवा समिति नेशनल पार्क में पर्यटकों की सुविधाओं और प्रबंध आदि के लिए शासन की ओर से काम करती है। जनसेवा समिति ने एडवांस रूलिंग अथारिटी के सामने तर्क दिया था कि सहकारी समिति को जीएसटी से मुक्त रखा गया है। समिति प्योर एजेंट के तौर पर काम रही है। इसमें वह न तो किसी तरह का शुल्क या कमीशन रखती है न ही हिस्सा लेती है। बल्कि पर्यटकों से जो शुल्क मिलता है सीधे सफारी के वाहन मालिक और चालकों को दिया जाता है। दरअसल सहकारी समिति के अंतर्गत वाहन मालिक पंजीकृत हैं और वे पर्यटकों को समिति के माध्यम से सफारी सुविधा देते हैं।