अब बदल जाएगी संडे वाली छुट्टी, पीएम नरेंद्र मोदी ने क्यों किया जिक्र?
दुमका
लोकसभा चुनाव 2024 का सातवां और अंतिम चरण 1 जून को है। आखिरी चरण के चुनाव प्रचार के लिए प्रधामंत्री नरेंद्र मोदी आज मंगलवार को झारखंड की उपराजधानी दुमका पहुंचे। यहां पीएम मोदी ने चुनावी रैली को संबोधित करते हुए झारखंड की महागठबंधन (जेएमएम-कांग्रेस-राजद) सरकार पर निशाना साधा। इस दौरान पीएम मोदी ने सप्ताह में होने वाली रविवार की छुट्टी का जिक्र किया। पीएम मोदी के रविवार की छुट्टी का जिक्र करते ही लोगों के मन में सवाल उठने लगा कि क्या संडे वाली छुट्टी बदल जाएगी? पीएम नरेंद्र मोदी ने आखिर संडे वाली छुट्टी का जिक्र क्यों किया? आइए जानते हैं..
लव जिहाद शब्द पहली बार झारखंड में आया: पीएम मोदी
दुमका लोकसभा सीट के लिए चुनाव प्रचार करने पहुंचे पीएम मोदी ने जेएमएम, कांग्रेस और राजद पर निशाना साधा। पीएम मोदी ने कहा कि ये लोग नफरत और सांप्रदायिक एजेंडे को बढ़ावा देते हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा 'मुझे मेरे एक साथी बता रहे थे कि लव जिहाद शब्द पहली बार झारखंड में आया। झारखंड की पहला राज्य है, जहां से लव जिहाद शुरू हुआ। झारखंड वालों ने ये शब्द दिया है।'
मोदी ने यूं किया रविवार की छुट्टी का जिक्र
मोदी ने कहा कि 'हमारे देश में रविवार को छुट्टी होती है। जब अंग्रेज यहां राज करते थे, तब ईसाई समाज रविवार को छुट्टी मनाता था, ये परंपरा तब से शुरू हुई। इसका जुड़ाव ईसाई समाज से है। रविवार हिंदुओं से जुड़ा नहीं है, ईसाई समाज से जुड़ा है। 200-300 साल से यह चल रहा है। अब इन्होंने (झारखंड की महागठबंधन सरकार ने) एक जिले में रविवार की छुट्टी पर ताले लगवा दिए, बोले शुक्रवार की छुट्टी होगी। पहले हिंदुओं से झगड़ा, अब ईसाइयों से भी झगड़ा। ये क्या चल रहा है? यह इनकी सांप्रदायिक राजनीति का खतरनाक उदाहरण है। मोदी इनका नफरती प्रोपेगेंडा फेल करके रहेगा।'
संथाल परगना घुसपैठियों की चुनौती से जूझ रहा: मोदी
पीएम मोदी ने कहा कि झारखंड में एक बड़ा संकट घुसपैठियों का हो गया है। हमारा संथाल परगना तो घुसपैठियों की बड़ी चुनौती से जूझ रहा है। इसका परिणाम क्या हो रहा है? कई इलाकों में घुसपैठियों की संख्या बढ़ रही है और आदिवासियों की संख्या घट रही है। घुसपैठियों के कारण यहां की बेटियों की जिंदगी खतरे में है। वे आदिवासियों की जमीनों पर कब्जा कर रहे हैं। 50-50 टुकड़े करके बेटियों की हत्या हो रही है। किसी को आग में झोंक दिया जा रहा है तो किसी की जुबान खींच ली जा रही है। उन्होंने कहा कि आदिवासी बेटियों को निशाना बनाने वालों को यहां की जेएमएम सरकार पाल-पोस रही है।