November 25, 2024

सारण-बिहार के कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय की कई छात्राएं हीट स्ट्रोक से बीमार, अस्पताल में चल रहा इलाज

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सारण.

मसरख सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और बाजार में उस समय अफरा तफरी का माहौल बन गया जब मसरख से लगभग 6 किलो मीटर दूर कवलपुरा गांव स्थित कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय के लगभग एक दर्जन से अधिक बच्चियां अचानक बीमार होकर गिरने लगी। घटना सोमवार की देर शाम की बताई जा रही है। सभी बच्चियों को मशरक सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में भर्ती कराया गया, जहां ड्यूटी पर तैनात चिकित्सक डाॅ चन्द्रशेखर सिंह एवं डाॅ एसके विद्यार्थी सहित पूरी टीम के द्वारा इलाज किया गया।

हालांकि घटना की सूचना मिलने पर मशरक के बीडीओ पंकज कुमार, बीइओ डाॅ वीणा कुमारी, मशरक थाना के अपर थानाध्यक्ष सुनिल कुमार दल बल के साथ पहुंच जिला स्तरीय अधिकारियों को मामले के संबंध में अवगत कराते हुए चिकित्सकों से भी बच्चियों का भी हाल चाल जाना।

भीषण गर्मी से बच्चियां हुई बीमार
मसरख सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सा पदाधिकारी डाॅ चन्द्रशेखर सिंह ने बताया कि फिलहाल भीषण गर्मी है जिस कारण स्कूली बच्चियां बर्दाश्त नही कर पायी। अचानक सभी बच्चियां उल्टी करने लगी और तेज बुखार के कारण अचेत होकर गिरने लगी। आनन फानन में शिक्षकों द्वारा मसरख अस्पताल लाया गया जहां ड्यूटी पर तैनात डॉ चंद्रशेखर सिंह और डाॅ एसके विद्यार्थी सहित पूरी टीम के द्वारा इलाज किया गया। चिकित्सकों द्वारा बताया गया कि बच्चे जब आए थे तब पूरी तरह से गंभीर अवस्था में थे लेकिन त्वरित इलाज कर ठीक किया गया।

शाम में अचानक गिरने लगी बच्चियां
कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय के शिक्षकों का कहना है कि सुबह में सभी छात्राओं को चूड़ा, दुध एवं मीठा खिलाया गया था। उस समय तो सभी बच्चियां ठीक थी। लेकिन देर शाम को अचानक बच्चियां बेहोश होकर गिरने लगी। आनन फानन में किसी तरह बीमार छात्राओं में 8 वर्षीय ब्यूटी कुमारी, मनीषा कुमारी और ज्योति कुमारी जबकि 7 वर्षीय निशा कुमारी और सोनाली कुमारी वहीं 6 वर्षीय चिंता कुमारी, रौशनी कुमारी, खुशी कुमारी, अन्नी कुमारी, नंदिनी कुमारी, खुशबू कुमारी, अमृता कुमारी, संध्या कुमारी सहित लगभग डेढ दर्जन बच्चे बीमार हालत में अस्पताल आए हुए थे। लेकिन स्वास्थ्य विभाग की पूरी टीम आनन फानन में विद्यालय पहुंची और सभी स्कूली छात्राओं का उपचार कर पूरी तरह से ठीक करने के बाद ही राहत की सांस ली है। हालांकि जब अचेतावस्था में बच्चियों को अस्पताल लाया गया तब अस्पताल सहित बाजार में अफरा तफरी का माहौल हो गया था।

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