शोभा यात्रा एंव जलाभिषेक हुआ समापन
छतरपुर
बालकिशन विश्वकर्मा ने जानकारी देते हुए बताया किबकस्वाहा आज मुनीसुब्रतनाथ दिगम्बर जैन बड़ा मंदिर और पार्श्वनाथ दिगम्बर जैन छोटा जैन मंदिर से पर्युषण पर्व के समापन के अवसर पर जलाभिषेक व शोभा यात्रा का कार्यक्रम किया गया ।
पार्श्वनाथ दिगम्बर जैन छोटा मंदिर से शोभायात्रा का प्रांरभ किया गया जो वुधवारा बजार होते हुये राममंदिर गली से पटवन मुहल्ला पहुची वहॉ से पुराना बस स्टैन्ड होते हुये गॉधी चबूतरा पर भगवान का जलाभिषेक कार्यक्रम किया गया यहॉ समाज के लोगो को अभिषेक देखने का सौभाग्य प्राप्त हुआ इसके बाद बस स्टैन्ड होते हुये शोभायात्रा मंदिर भी पहुची। जहॉ शोभा यात्रा का समापन किया गया । शोभायात्रा मे सकल दिगंम्वर जैन समाज की समस्त महिलाओं और पुरूषो ने भाग लिया।
आत्मशुद्धि का पर्व पर्युषण
पर्यूषण के समापन पर सभा को सम्बोधित करते हुये शिखरचंद्र जैन पंडित जी ने कहा कि पर्युषण पर्व आत्मा में रमण का पर्व है, आत्मशुद्धि का पर्व है। यह पर्व अहंकार और ममकार के विसर्जन करने का पर्व है। यह पर्व अहिंसा की आराधना का पर्व है। आज पूरे विश्व को सबसे ज्यादा जरूरत है अहिंसा की, मैत्री की। यह पर्व अहिंसा और मैत्री का पर्व है l
अहिंसा और मैत्री द्वारा ही शांति मिल सकती है। आज जो हिंसा, आतंक, आपसी-द्वेष, नक्सलवाद, भ्रष्टाचार जैसी ज्वलंत समस्याएं न केवल देश के लिए बल्कि दुनिया के लिए चिंता का बड़ा कारण बनी हुई हैं और सभी कोई इन समस्याओं का समाधान चाहते हैं। उन लोगों के लिए पर्युषण पर्व एक प्रेरणा है, , मार्गदर्शन है और अहिंसक जीवन शैली का प्रयोग है l
आज भौतिकता की चकाचौंध में, भागती जिंदगी की अंधी दौड़ में इस पर्व की प्रासंगिकता बनाए रखना ज्यादा जरूरी है। इसके लिए जैन समाज संवेदनशील बने, विशेषतः युवा पीढ़ी पर्युषण पर्व की मूल्यवत्ता से परिचित हो और वे सामायिक, मौन, जप, ध्यान, स्वाध्याय, आहार संयम, इन्द्रिय निग्रह, जीवदया आदि के माध्यम से आत्मचेतना को जगाने वाले इन दुर्लभ क्षणों से स्वयं लाभान्वित हों और जन-जन के सम्मुख एक आदर्श प्रस्तुत करे।
वही पंकज बन्ना और सुकमाल जैन ने जानकारी देते हुए बताया की पर्युषण पर्व के दौरान जैन श्रद्धालुओं में खासा उत्साह देखने को मिला सभी ने पर्युषण पर्व के दौरान धर्म लाभ अर्जित किया बही द्वेष भावना से ऊपर उठकर आज समस्त जैन समुदाय ने क्षमावाणी पर्व मनाया।
घर घर सजाई रंगोली
पर्यूषण पर्व के समापन के उपलक्ष्य मे शोभा यात्रा के लिये नगर के जैन समाज के बच्चो मे खासा उत्साह देखने को मिला , बच्चो द्वारा अपने अपने घर के समाने रंगो से भरी रंगोली बनाई तो वही जैन समुदाय के लोगो ने श्रीजी की शोभा यात्रा का जगह जगह स्वागत किया