November 24, 2024

अब मुकेश अंबानी ब्लिंकिट, बिगबास्केट और जेप्टो का पसीना छुड़ाने की तैयारी में

0

मुंबई
 भारत और एशिया के सबसे बड़े रईस मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) की कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज (Reliance Industries) क्विक कॉमर्स सेक्टर में एंट्री मारने की तैयारी में है। सूत्रों के मुताबिक रिलायंस रिटेल का जियोमार्ट अगले महीने की शुरुआत में यह सर्विस शुरू कर सकता है। इस सेक्टर में रिलायंस का मुकाबला जोमैटो के ब्लिंकिट, टाटा ग्रुप के बिगबास्केट, स्विगी के इंस्टामार्ट और जेप्टो से होगा। शुरुआत में जियोमार्ट 7-8 महीने में ग्रोसरी की फास्ट डिलीवरी करेगा और फिर 1,000 से अधिक शहरों में इसका विस्तार किया जाएगा। कंपनी ने इससे पहले 90 मिनट में ग्रोसरी का सामान पहुंचाने के लिए जियोमार्ट एक्सप्रेस सर्विस शुरू की थी लेकिन इसे करीब एक साल पहले बंद कर दिया गया था। अब कंपनी की योजना 30 मिनट से कम समय में डिलीवरी पूरी करने की है। रिलायंस रिटेल ने इस बारे में पूछे गए सवालों का जवाब नहीं दिया।

रिलायंस ऐसे समय इस सेक्टर में एंट्री मारने की योजना बना रही है जब वॉलमार्ट की कंपनी फ्लिपकार्ट भी क्विक कॉमर्स स्पेस में उतरने की तैयारी कर रही है। यह एक ऐसा कॉन्सेप्ट है जो खासतौर पर युवा पीढ़ी के बीच तेजी से लोकप्रिय हो रहा है। ब्लिंकिट, स्विगी और जेप्टो 10-15 मिनट में गोसरी और कई तरह के नॉन-ग्रोसरी आइटम्स की डिलीवरी करते हैं। सूत्रों के मुताबिक जियोमार्ट अपने क्विक कॉमर्स ऑपरेशन के लिए मौजूदा कंपनियों की तरह डार्क स्टोर मॉडल नहीं अपनाएगा, बल्कि इसके बजाय रिलायंस रिटेल के स्टोर और फुलफिलमेंट सेंटर्स के विशाल नेटवर्क का फायदा उठाएगा।

किसे मिलेगी टक्कर

अब तक, जियोमार्ट अपने ग्राहकों को स्लॉटेड और अगले दिन डिलीवरी का विकल्प देता है। सूत्रों ने कहा कि समय के साथ, जियोमार्ट क्विक कॉमर्स के जरिए नॉन-ग्रोसरी आइटम्स की डिलीवरी भी करेगा। उन्होंने कहा इसमें रिलायंस रिटेल के 18,000 से अधिक स्टोर्स का फायदा मिल सकता है। कंपनी की रणनीति से वाकिफ एक सूत्र ने कहा कि जियोमार्ट हाइपर लोकल ओमनी-चैनल प्रजेंस पर केंद्रित है। रिलायंस के क्विक कॉमर्स में एंट्री से इस क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी। रिलायंस रिटेल की पूरे देश में मौजूदगी है और उसके पास पैसों की कोई कमी नहीं है। ऐसे में इस सेक्टर में मौजूदा कंपनियों को कड़ी टक्कर मिल सकती है।

अभी ब्लिंकिट लगभग 40-45% बाजार हिस्सेदारी के साथ क्विक कॉमर्स सेक्टर में लीडिंग पोजीशन में है। गोल्डमैन सैश का अनुमान है कि ग्रॉस ऑर्डर वैल्यू के हिसाब से देश में ऑनलाइन ग्रोसरी बाजार का साइज फाइनेंशियल ईयर 2024 तक करीब 11 अरब डॉलर का है। इसमें से क्विक कॉमर्स की हिस्सेदारी लगभग 50% या पांच अरब डॉलर है। एनालिस्ट्स का यह भी कहना है कि क्विक डिलीवरी का चलन बढ़ने से परंपरागत दुकानों को नुकसान हो सकता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *