September 28, 2024

जीएसटी वसूलने बढ़ेंगे सर्किल और संभागीय कार्यालय, कमर्शियल टैक्स की रीस्ट्रक्चरिंग की तैयारी

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भोपाल

जीएसटी लागू होने के बाद अब सरकार को इससे होने वाली आमदनी बढ़ाने की चिंंता सता रही है। इसके चलते वाणिज्यिक कर विभाग ने कैडर रीस्ट्रक्चरिंग करने और नए संभागीय और सर्किल कार्यालय खोलकर विभागीय अमले में वृद्धि करने का फैसला किया है। इस फैसले को अमलीजामा पहनाने के लिए विभाग ने प्रस्ताव तैयार कर राज्य शासन को मंजूरी के लिए भेजा है। सरकार की मंजूरी मिली तो पूरे प्रदेश में इस विभाग में अधिकारियों व कर्मचारियों के सैकड़ों पद बढ़ने के साथ अफसरों के पदनाम बदलने की कार्यवाही होगी।

वाणिज्यिकर कर विभाग में पचास साल पुराने सेटअप में बदलाव को लेकर तेजी से कवायद चल रही है। इस कवायद में विभाग का सबसे अधिक फोकस आईटी प्रोफेशनल्स को बढ़ावा देने का है क्योंकि विज्ञान के बदलते दौर में फास्ट वर्किंग और टैक्स चोरों की धरपकड़ के लिए आईटी तकनीक सबसे कारगर साबित हो रही है। जीएसटी देने से बचने के लिए तैयार की जा रही शैल कम्पनियों और अन्य तरह के फ्राड को रोकने में आईटी प्रोफेशन्लस की भूमिका बढ़ रही है। इसलिए विभाग इस कैडर में नए पदों के सृजन करने के साथ कुछ पदों को इन्हीं में मर्ज भी करने के प्रस्ताव पर काम कर रहा है। इसके लिए विभाग में आधुनिकतम तकनीकों जियो मैपिंग, टोल नाकों पर लागू नई तकनीकी व अन्य सेवाओं का इस्तेमाल भी बढ़ेगा। इसके साथ ही विभाग ने यह भी तय किया है कि एंटी एविजन ब्यूरो की कार्यशैली में बदलाव लाए जाने व विभाग की इस विंग के सेटअप में भी बदलाव की जरूरत है। इसलिए इसको लेकर भी प्रस्ताव तैयार किया गया है। अफसरों का कहना है कि इसको लेकर कुछ राज्यों के कैडर की स्टडी भी की गई है और वहां से बेहतर प्रस्तावों को इसमें शामिल किया गया है।

58 नए सर्किल, 4 संभागों को बढ़ाने का प्रस्ताव
विभाग द्वारा की जा रही कैडर रीस्ट्रक्चरिंग में पदों की संख्या बढ़ाने और नाम बदलने के साथ विभागीय सेटअप को भी मजबूत बनाने की तैयारी है। इसके लिए तैयार प्रस्ताव में कहा गया है कि प्रदेश में वाणिज्यिक कर के 15 संभागीय कार्यालयों की संख्या बढ़ाकर 19 तक की जा सकती है। साथ ही अभी सर्किल कार्यालयों की संख्या प्रदेश में 82 है जिसे बढ़ाकर 140 तक किया जाना है। इस तरह चार नए संभागीय कार्यालय और 58 सर्किल कार्यालय बढ़ाए जाने का प्रस्ताव है। सूत्रों का कहना है कि वाणिज्यिक कर विभाग का यह प्रस्ताव राज्य शासन को भेजा गया है जिसे कैबिनेट में मंजूरी के लिए भेजा जाएगा।

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