Jabalpur पिता-पुत्र की हत्या का मास्टरमाइंड, 75 दिन तक पुलिस को चकमा देने के बाद किया सरेंडर
जबलपुर
जबलपुर डबल मर्डर केस का मामला पिछले ढाई महीने से लगातार सुर्खियों में है. पुलिस मुख्य आरोपी मुकुल की तलाश में ढाई महीने से जुटी हुई है. उसे एमपी से लेकर नेपाल तक खंगाला गया, लेकिन हर बार आरोपी पुलिस को चकमा देकर फरार हो गया. अब पिता-पुत्र की हत्या करने वाले आरोपी ने खुद थाने पहुंचकर सरेंडर कर दिया है.
प्रेमिका के पकड़े जाने के बाद आरोपी ने किया सरेंडर
2 दिन पहले हरिद्वार से आरोपी की नाबालिग गर्लफ्रेंड को हरिद्वार से गिरफ्तार किया गया था. जबकि मुख्य आरोपी वहां से फरार हो गया था. लड़की से पूछताछ की जा रही थी. गुरुवार रात ही लड़की जबलपुर लाया गया, उसके पहले ही आरोपी मुकुल थाने पहुंच गया और सरेंडर कर दिया. जानकारी के मुताबिक आरोपी पूछताछ के दौरान कई बड़े खुलासे कर सकता है.
बेरहमी से की थी पिता-पुत्र की हत्या
मार्च के महीने में जबलपुर की मिलेनियम कॉलोनी में डबल मर्डर हुआ था. रेलवे अधिकारी और उनके मासूम बेटे की हत्या कर दी गई थी. हत्या के बाद मासूम का शव फ्रिज में मिला था, जिसके बाद हड़कंप मच गया था. हत्या का आरोप रेलवे अफसर की नाबालिग बेटी के प्रेमी पर था. इस कांड के बाद लड़की भी आरोपी मुकुल के साथ फरार हो गई. फिलहाल अब दोनों को ही जबलपुर पुलिस ने पकड़ लिया है. पुलिस आरोपी से पूछताछ में जुटी है. इस पूरे मामले को लेकर पुलिस जल्द ही कई बड़े खुलासे कर सकती हैं.
2 दिन पहले नबालिग मिली थी
नाबालिग लड़की को 28 मई को हरिद्वार पुलिस ने पकड़ा था. उसके बाद उसे जबलपुर लाया गया. करीब ढाई महीने की तलाश के बाद लड़की को पुलिस ने खोजा है. वह 2 महीने से हरिद्वार में रह रही थी.
मुकुल के पोस्टर देश के कई शहरों में लगे
जबलपुर पुलिस ने मुकुल के ऊपर 10 हजार रुपए का इनाम रखा था. उसके पोस्टर देश के कई शहरों में लगाए गए थे. बीते ढाई महीने में देश के अलग अलग शहरों में नाबालिग और उसके प्रेमी मुकुल सिंह की लोकेशन मिल रही थी. अब उसने खुद पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया है.
ये है पूरा मामला
दरअसल जबलपुर में रहने वाली नाबालिग लड़की के पिता और भाई की 15 मार्च को हत्या हुई थी. पिता राजकुमार विश्वकर्मा रेल कर्मचारी और भाई तनिष्क को नाबालिग के बॉयफ्रेंड ने की थी. हत्या के बाद नाबालिग लड़की ने अपनी चचेरी बहन को वॉइस मैसेज में बोला था कि मुकुल ने पिता और भाई को मार डाला.
जानिए क्या है पूरा मामला
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने बताया कि मध्य प्रदेश के जबलपुर की रहने वाली इस लड़की ने अपने पिता को मौत के घाट इसलिए उतार दिया क्योंकि उन्होंने पड़ोस में रहने वाले मुकुल के साथ उसके रिश्ते पर ऐतराज किया था। पुलिस के मुताबिक लड़की के भाई ने उसे पिता की हत्या करते देख लिया था जिसके बाद उसने उसे भी जान से मार दिया। बाद में, लड़की ने मुकुल के साथ मिलकर अपने पिता और भाई के शव के टुकड़े कर दिए और उन्हें फ्रीजर में भर दिया। इसके बाद दोनों आरोपी वहां से फरार हो गए। लड़की ने पुलिस को यह भी बताया कि हत्या की योजना उसके बॉयफ्रेंड ने बनाई थी। डोभाल ने कहा कि लड़की को मध्य प्रदेश पुलिस के हवाले कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि मुकुल की तलाश की जा रही है जो अभी भी फरार है। लड़की के पिता और भाई की हत्या 15 मार्च को की गई थी तभी से लड़की और मुकुल फरार थे।
सोफे पर मिला था रेलकर्मी का शव, फ्रिज में पड़ी थी 8 साल के बेटे की लाश
बता दें कि मृतक राजकुमार विश्वकर्मा रेलवे में ऑफिस सुपरिटेंडेंट के पद पर कार्यरत थे। उनकी पत्नी की पहले ही मृत्यु हो चुकी है और यहां वह अपनी बेटी एवं बेटे के साथ रहते थे। जबलपुर के एसपी आदित्य प्रताप सिंह ने कहा कि 15 मार्च विश्वकर्मा के भाई को उनकी बेटी से एक वॉयस संदेश मिला कि उसके 19 वर्षीय पड़ोसी ने उसके पिता और भाई की हत्या कर दी है।" सिंह ने बताया कि राज्य के पिपरिया कस्बे के रहने वाले विश्वकर्मा के भाई ने पुलिस को इसकी सूचना दी। उन्होंने कहा, "सूचना मिलने के बाद पुलिस घर में घुसी और देखा कि विश्वकर्मा और उसके बेटे की हत्या कर दी गई है। राजकुमार विश्वकर्मा एक कमरे के सोफे पर मृत मिले। बेटे का शव उनके फ्रिज से बरामद हुआ। " सिंह ने कहा कि पिता-पुत्र की हत्या किसी धारदार हथियार से की गई है।
आरोपी के साथ चली गई थी नाबालिग बेटी
घटना के बाद से राजकुमार विश्वकर्मा की नाबालिग पुत्री की भी कोई जानकारी नहीं थी। जब जांच शुरू हुई तो पता चल गया कि खुद राजकुमार विश्वकर्मा की नाबालिग बेटी मुकुल सिंह नाम के उस लड़के के साथ भाग चुकी है। आरोपी मुकुल सिंह के दो बैंक एकाउंट हैं, लेकिन उनमें ज्यादा पैसे नहीं थे। पर राजकुमार विश्वकर्मा की बेटी अपने पिता का डेबिट कार्ड और मां के जेवर लेकर निकली थी। दोनों इसी डेबिट कार्ड से अब तक अलग-अलग शहरों में घूम-घूम कर पैसे निकाल रहे थे। वो जिस शहर में पैसे निकलते थे, वहां फोन स्विच ऑफ कर देते थे। जबकि नई जगह पहुंचने पर फोन फिर से ऑन होता था।
पुलिस ने ऐसे किया ट्रैक
पहले तो पुलिस ने उन्हें ट्रैक करने के लिए उनके बैंक खातों को खुला ही रहने दिया, लेकिन जब उन बैंक खातों में जमा पैसे भी खत्म हो गये तो पुलिस ने वो एकाउंट फ्रीज करवा दिया। पुलिस को ये भी पता चला कि राजकुमार विश्वकर्मा के बैंक खातों की जांच से ये क्लीयर हुआ है कि क़त्ल के बाद पहले चार दिनों में यानी 15 मार्च से 18 मार्च तक यूपीआई के जरिए उनकी बेटी ने उनके खाते से 1 लाख 28 हजार रुपये निकाले थे। लेकिन अलग-अलग जगह रूकने के दौरान ये पैसे लगातार खर्च होते रहे और इसी वजह से मुकुल और उसकी गर्लफ्रेंड की मुश्किलें बढ़ गईं। आखिरकार पुलिस ने नाबालिग को हरिद्वार में ट्रैप कर गिरफ्तार कर लिया। हालांकि अभी तक इस घटनाक्रम का मुख्य आरोपी मुकुल सिंह फरार है। पुलिस लगातार उसकी तलाश कर रही है।