छत्तीसगढ़ के बीजापुर में तीन सौ से अधिक आदिवासी प्रतिनिधियों ने रखा पक्ष, कलेक्टर और प्रशासन ने चहुंमुखी विकास को लेकर की चर्चा
बीजापुर.
कलेक्टर अनुराग पांडेय ने आदिवासी बाहुल्य जिला बीजापुर के चहूंमुखी विकास में सब की भागीदारी तय करने एवं आपसी सामंजस्य और सहयोगात्मक भावना के साथ बीजापुर जिले को अन्य जिलों की तरह विकसित बनाने यहां की बहु प्रतीक्षीत मांगों तथा यहां के विकास विरोधी गंभीर समस्याओं पर व्यापक चर्चा की। जिला प्रशासन द्वारा आदिवासी युवाओं को उद्यमिता विकास से जोड़ने की पहल की सराहना की।
कलेक्टर अनुराग पांडेय ने आदिवासी बाहुल्य जिला बीजापुर के चहूंमुखी विकास में सब की भागीदारी तय करने शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, स्वरोजगार, आत्मसमर्पित नक्सलियों को पुनर्वास नीति के तहत दी जाने वाली सुविधाएं, जिले के शैक्षणिक संस्थान, आश्रम, छात्रावास, पोटाकेबिन, स्कूलों की व्यवस्थाओं में आवश्यक सुधार करने, अंदरूनी क्षेत्रों, शिक्षा स्वास्थ्य, पेयजल, सड़क, बिजली जैसे सुविधाओं के विकास पर सकारात्मक चर्चा हुई।आदिवासी समाज के प्रतिनिधियों ने बैठक को सकारात्मक बताते हुए समाज और प्रशासन के मध्य इसी तरह के विचार अभिव्यक्ति एवं संवाद निर्मित होने से जिले के विभिन्न समस्याओं का हल सुगमतापूर्वक निकलने की बात कही एवं प्रशासन और समाज के प्रति दूरियां घटेगी, जिससे विकास की गति में तेजी आएगी और सकारात्मक वातावरण निर्मित होगा। जिला प्रशासन द्वारा आदिवासी युवाओं को उद्यमिता विकास से जोड़ने की पहल की सराहना की।
बैठक में संयुक्त कलेक्टर कैलाश वर्मा, एसडीएम बीजापुर जागेश्वर कौशल, डिप्टी कलेक्टर उत्तम सिंह पंचारी, सहायक आयुक्त आदिवासी विकास केएस मशराम, जग्गूराम तेलामी, अध्यक्ष सर्वआदिवासी समाज, कमलेश पैंकरा, सचिव सर्वआदिवासी समाज सुकल साय तेलाम, मुरिया समाज अध्यक्ष। सालिक नागवंशी, सीएस नेताम, भवसिंह सीताराम मांझी, कुंवर सिंह सहित 3 सौ से अधिक जिले भर के आदिवासी समुदाय के प्रतिनिधि मौजूद थे।