November 24, 2024

मध्यप्रदेश में कमलनाथ के गढ में रंग ला सकती है BJP की घेराबंदी, कांग्रेस के हाथ से निकल रहा छिंदवाड़ा: सर्वे

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नई दिल्ली
लोकसभा चुनाव के सातवें और अंतिम चरण का मतदान शनिवार को सम्पन्न हुआ। जिसके बाद एग्जिट पोल के नतीजे आने शुरू हो गए। ज्यादातर एग्जिट पोल्स के अनुसार मध्य प्रदेश की 29 सीटों में से भाजपा 28 से 29 सीटें जीत रही है। वहीं कांग्रेस को शून्य से 1 सीट मिलने की उम्मीद जताई गई है। खास बात यह है कि इस चुनाव में कांग्रेस के हाथ से उसकी परंपरागत सीट और पार्टी के दिग्गज नेता कमलनाथ का गढ़ रही छिंदवाड़ा सीट भी निकलती दिख रही है। 2019 में हुए पिछले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस प्रदेश में सिर्फ छिंदवाड़ा की सीट ही जीत सकी थी। जिसके चलते इस बार भाजपा का पूरा फोकस इस सीट को जीतने पर था।

इंडिया टुडे-एक्सिस माई इंडिया एग्जिट और इंडिया टीवी CNX के एग्जिट पोल में छिंदवाड़ा में कांग्रेस की हार होने का अनुमान लगाया गया है। मध्य प्रदेश के महाकौशल क्षेत्र की इस प्रतिष्ठित सीट को जीतने के लिए भाजपा ने तगड़ी फील्डिंग की थी। पार्टी के उम्मीदवार विवेक बंटी साहू का प्रचार करने के लिए कई वरिष्ठ भाजपा नेताओं ने यहां दौरा किया था, वहीं कई नेता तो यहीं डेरा डालकर बैठ गए थे।

इस दौरान भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर,भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा, सीएम मोहन यादव, पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान, मंत्री प्रहलाद पटेल समेत कई अन्य नेताओं ने अपनी पार्टी के उम्मीदवार के प्रचार के लिए छिंदवाड़ा का दौरा किया था।

वहीं कमलनाथ व कांग्रेस उम्मीदवार उनके बेटे नकुलनाथ का आत्मविश्वास तोड़ने के लिए भाजपा ने ऐन चुनाव से पहले कई कांग्रेस नेताओं को तोड़कर भाजपा में शामिल कराया था। लोकसभा चुनाव से पहले अमरवाड़ा के मौजूदा विधायक कमलेश शाह, छिंदवाड़ा के महापौर विक्रम अहाके, पूर्व मंत्री दीपक सक्सेना, जिला पंचायत उपाध्यक्ष अमित सक्सेना, विभिन्न पार्षद, नगर पालिकाओं के पदाधिकारी, सरपंच और कई कांग्रेस पदाधिकारियों ने कांग्रेस छोड़कर भाजपा का दामन थाम लिया था।

छिंदवाड़ा लोकसभा सीट को कमलनाथ का गढ़ माना जाता है, क्योंकि वे यहां से नौ बार चुनाव जीते थे। वहीं उनके बेटे ने 2019 में राज्य में कांग्रेस के लिए एकमात्र सीट जीती थी। हालांकि वो भी इस बार उनके हाथ से निकलती दिख रही है। भाजपा को यहां पर सिर्फ एक बार जीत मिली है, लोकसभा उपचुनाव के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री सुंदरलाल पटवा ने यहां से जीत हासिल की थी।

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