November 25, 2024

बैंकों में जमा 78000 करोड़ रुपये किसका? नहीं कर रहा है कोई क्लेम… कहीं आपके रिश्तेदार का तो नहीं?

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नई दिल्ली

म बैंक खाते में जमा पूरे फंड का अच्छे से हिसाब रखते हैं. लेकिन आपको यह जानकारी हैरानी होगी कि बैंकों ( Bank) के पास हजारों करोड़ रुपये की राशि यूं ही पड़ी है. जिसका कोई मालिक (Unclaimed Deposits In Bank) नहीं है. हाल ही में इससे जुड़ा आंकड़ा सामने आया. जिसके अनुसार बिना दावे वाली राशि (Unclaimed Deposits) में सालाना आधार पर 26 प्रतिशत की वृद्धि हुई है.

हर साल बढ़ रहा अनक्‍लेम्‍ड अमाउंट
बिजनेस स्टैंडर्ड की रिपोर्ट के मुताबिक, वित्त वर्ष 2022 में सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के बैंकों में अनक्लेम्ड डिपॉजिट 32,934 करोड़ रुपये था, लेकिन इसकी तुलना में मार्च 2023 के अंत में यह राशि बढ़कर 42,272 करोड़ रुपये हो गई. इस अवधि के दौरान 28 फीसदी की बढ़ोतरी हुई थी. इस बार आरबीआई की एनुअल रिपोर्ट में अनक्‍लेम्‍ड अमाउंट 26 फीसदी बढ़कर 78,213 करोड़ रुपये हो चुका है.

क्या होता है अनक्‍लेम्‍ड डिपॉजिट?
आखिर ये अनक्लेम्ड डिपॉजिट (Unclaimed Deposit) होता क्या है? दरअसल, अलग-अलग बैंक सालाना आधार पर अकाउंट्स रिव्यू करते हैं. इसमें ये पता भी लगाया जाता है कि ऐसे कौन-कौन से बैंक अकाउंट हैं, जिनमें किसी तरह का कोई ट्रांजेक्‍शन नहीं हुआ है. जब किसी डिपॉजिटर्स की ओर से बीते 10 साल के दौरान किसी अकाउंट में न तो कोई फंड डाला जाता है और न ही इसमें से कोई रकम निकाली जाती है तो इस दौरान अकाउंट में पड़ी रकम को अनक्लेम्ड डिपॉजिट माना जाता है. साथ ही बैंक इस अमाउंट को लेकर कस्‍टमर्स से संपर्क करने की कोशिश भी करते हैं.

लावारिस पड़े हैं 78,213 करोड़ रुपये

बैंकों में लावारिस (Unclaimed Deposits In Bank) पड़ी यह राशि पिछले वित्त वर्ष में 31 मार्च 2024 तक 26 प्रतिशत बढ़कर 78,213 करोड़ रुपये हो गई. जिसके बाद ये सवाल किये जा रहे हैं कि आरबीआई (RBI) इन पैसों का क्या करती है.

क्या करती है आरबीआई?

आरबीआई ने अपनी वार्षिक रिपोर्ट (RBI Annual Report) में बताया कि शिक्षा और जागरूकता कोष (Education and Awareness Fund) की राशि भी मार्च 2023 तक बढ़कर 62,225 करोड़ रुपये थी. जो अब और बढ़ जाएगी. इस कोष में ऐसी रकम ट्रांसफर की जाती है जो बैंकों में 10 साल या उससे ज्यादा तक पड़ी हुई है.
जिसके लिए कोई दावा नहीं करता.

ऐसे फंड को आरबीआई शिक्षा और जागरूकता कोष में जमा कर देती है. ताकि इसका इस्तेमाल लोगों को जागरूक करने और शिक्षा के लिए किया जा सकते.

आरबीआई ने भेजे थे अलर्ट

बैंकों में पड़ी ऐसी राशि जिसके कोई दावेदार नहीं है उसे कोष में ट्रान्सफर करने से पहले आरबीआई अलर्ट जारी करती है. कुछ महीने पहले आरबीआई ने कहा था कि उद्गम पोर्टल के जरिये बिना दावे वाली राशि के बारे में जानकारी एकत्रित की जा सकती है.

तीन बैंकों ने लोगों को ये सुविधा दी है कि वे उद्गम पोर्टल पर जाकर राशि के बारे में जानकारी निकाल सकते हैं. इस उद्गम पोर्टल का निर्माण आरबीआई द्वारा ही किया गया है. इसमें न केवल बिना दावे वाली राशि ट्रांसफर की जाती है बल्कि अन्य कई सुविधाएं भी मिलती है.

 

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