November 27, 2024

बंगाल की खाड़ी में बना कम दबाव का क्षेत्र, भाेपाल, इंदौर में सोमवार से झमाझम के आसार

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भोपाल
बंगाल की खाड़ी में बना कम दबाव का क्षेत्र अब गहरे कम दबाव के क्षेत्र में परिवर्तित हाे गया है। उत्तरी आंध्र प्रदेश एवं दक्षिणी ओडिशा तट पर मौजूद इस मौसम प्रणाली के रविवार काे अवदाब के क्षेत्र में तब्दील हाेने की संभावना है।

अगले 24 घंटे तक यहां पर रिमझिम बारिश के आसार बने रहेंगे। 12 सितंबर को नया सिस्टम एक्टिव हो जाएगा। यह उड़ीसा के पास बन रहा है। इससे भोपाल-इंदौर समेत प्रदेशभर में सोमवार को जमकर बारिश होगी। उसके बाद भोपाल समेत 5 संभागों में 48 घंटे तक बारिश का जोर रहेगा। वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक वेद प्रकाश सिंह ने बताया कि यह सितंबर का सबसे स्ट्रांग सिस्टम है। तीन दिन तक प्रदेश के कई इलाकों में अच्छी बारिश होगी। 13 और 14 सितंबर को इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर और चंबल के कुछ इलाकों को छोड़कर अच्छी बारिश की उम्मीद है।

नया सिस्टम स्ट्रांग बन रहा

मध्यप्रदेश के लिए एक नया सिस्टम बन रहा है। स्ट्रांग होने के कारण इससे प्रदेश के अधिकांश इलाकों में बारिश होगी। बंगाल की खाड़ी में बनने के कारण जबलपुर के रास्ते मध्यप्रदेश में बारिश शुरू हो गई है। अगले 24 घंटे में यह लो प्रेशर एरिया पूरी तरह तैयार हो जाएगा। उसके बाद ही प्रदेश भर में जमकर बारिश होने की संभावना है। भोपाल, इंदौर, जबलपुर, सागर, बैतूल और नर्मदापुरम में बारिश का जोर ज्यादा रहेगा। कहीं-कहीं भारी हो सकती है।

12 से दूसरा सिस्टम होगा एक्टिव

अभी ट्रफ लाइन काफी ऊपर यूपी की तरफ है। यह 12 सितंबर तक मध्यप्रदेश के ग्वालियर-चंबल में नीचे आ जाएगी। इससे दूसरा सिस्टम 12 सितंबर से सक्रिय हो जाएगा। जो तीन दिन तक ग्वालियर, चंबल, बुंदेलखंड, बघेलखंड, भोपाल, उज्जैन, इंदौर, सागर, रायसेन, विदिशा, गुना समेत कई इलाकों में बारिश कराएगा। कहीं-कहीं भारी बारिश के आसार बन सकते हैं।

अलग-अलग स्थानाें पर बनी इन मौसम प्रणालियाें के कारण मानसून में एक बार फिर सक्रियता आ गई है। बंगाल की खाड़ी में बने गहरे कम दबाव के क्षेत्र के रविवार काे और शक्तिशाली हाेकर अवदाब के क्षेत्र में बदलने की संभावना है। इस वजह से रविवार से पूरे मध्य प्रदेश में वर्षा की गतिविधियाें में तेजी आएगी। विशेषकर भाेपाल, जबलपुर, नर्मदापुरम, इंदौर संभागाें के जिलाें में कहीं-कहीं झमाझम वर्षा भी हाे सकती है। वर्षा का सिलसिला अलग-अलग क्षेत्राें में दाे-तीन दिन तक बना रह सकता है।

 

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