November 27, 2024

बिहार में 11 साल के बच्चे को डीएनए जांच से मिलेगा 65 साल का पिता? अधेड़ पर दुष्कर्म का आरोप

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बेगूसराय.

बेगूसराय पुलिस ने 11 साल बाद दुष्कर्म के आरोपी को आखिरकार गिरफ्तार कर ही लिया। 54 साल की उम्र में उस पर एक दिव्यांग से दुष्कर्म का आरोप लगा था। एक दौरान वह लड़की गर्भवती भी हो गई। आरोपी ने पीड़िता का गर्भपात कराने की कोशिश भी की लेकिन पुलिस ने बचा लिया। इसके बाद पीड़िता ने पुत्र को जन्म दिया। दुष्कर्म के आरोपी पर चेरिया बरियारपुर थाना कांड संख्या 111/ 13 दर्ज होने के बाद तत्कालीन एवं बेगूसराय एसपी द्वारा केस को जांच में सत्य पाते हुए गिरफ्तार करने का निर्देश जारी किया गया।

लेकिन, तत्कालीन डीआईजी ने डीएनए टेस्ट के बाद गिरफ्तार करने का आदेश दिया। इसके बाद करीब नौ साल तक केस यूं ही पेंडिंग रहा। इस दौरान पीड़िता रिपोर्ट आने का इंतजार करती रही। नौ साल बाद जब डीएनए रिपोर्ट आया तो वह अस्पष्ट बताया गया। यानी बच्चे का डीएनए आरोपी से मेल खा भी सकता है या नहीं भी खा सकता है। इसके बाद न्यायालय ने दूसरे जगह से डीएनए करवाने का आदेश पारित किया।

कोर्ट के आदेश के बाद भेजा गया जेल
इसी बीच 2022 मे तत्कालीन मंझौल थानेदार ने आरोपी को केस से बरी करते हुए चार्जशीट कोर्ट में दाखिल कर दिया तो फिर केस में एक नया मोड़ आ गया। इस केस में अधिवक्ता प्रिंस राहुल ने जोरदार बहस की। केस डायरी में ही बहुत सारे सबूतों को साबित करते हुए न्यायालय से पीड़िता को न्याय देने की मांग की गई। इसपर माननीय न्यायालय ने भी गंभीरता पूर्वक विचार करते हुए उपर्युक्त चार्जशीट के विरुद्ध आरोपी के खिलाफ सम्मन जारी किया गया। लेकिन, वह हाजिर नहीं हुआ। इसके बाद कोर्ट ने वेलेबल वारंट जारी कर दिया। इसके बावजूद आरोपी पहुंच एवं पैसे के बल पर कोर्ट के आदेश का अवहेलना करते रहा। उसने कोर्ट में हाजिर होकर अपना पक्ष भी नहीं रखा। इसके बाद कोर्ट ने नन वेलेबल वारंट जारी किया गया। साथ ही मंझौल थाना को गिरफ्तार करने की हिदायत दी गई। इसके बाद यौन शोषण के आरोपी को बुधवार की रात्रि मंझौल थानेदार रिशा कुमारी ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। आरोपी पर आईपीसी की धारा 376, 313, 511, 201 और 34 के तहत मामला दर्ज किया गया।

11 साल बाद भी बच्चे को पिता के पहचान का इंतजार
बता दें कि दिव्यांग ने जिस लड़के को जन्म दिया, उसे 11 साल बाद भी पिता के पहचान का इंतजार है। बताया जा रहा है कि पीड़िता आरोपी के घर पर घरेलू काम करती थी। इस दौरान आरोपी उसके गूंगी होने का फायदा उठाते हुए यौन शोषण करता रहा। इस कारणवह गर्भवती हो गई। पीड़िता ने अपना हक मांगा तो आरोपी ने इनकार कर दिया। गर्भपात कराने की कोशिश की लेकिन सफल नहीं हो गया। 11 साल तक आरोपी उसे डराता धमकाता रहा। लेकिन, अंतत: कोर्ट ने उसे जेल भेज दिया। अब लोग यह सवाल कर रहे हैं आखिरकार कब बच्चे को अपने पिता का नाम मिलेगा?

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