November 28, 2024

मध्य प्रदेश में निजी स्कूल नहीं मान रहे सरकार की बात, पोर्टल पर नहीं दी स्कूल फीस की जानकारी, अब होगा एक्शन!

0

भोपाल
 मध्य प्रदेश की मोहन सरकार जहां प्राइवेट स्कूलों की मनमानी पर लगाम कसने की कोशिश कर रही है, वहीं स्कूल संचालक भी अपनी 'अकड़' दिखाने से बाज नहीं आ रहे हैं। ताजा मामला स्कूलों की फीस से जुड़ा हुआ है। सरकार ने स्कूलों को निर्देश दिये थे कि वे 8 जून के पहले फीस सहित अन्य जानकारी सरकारी पोर्टल पर चढ़ा दें, लेकिन अब तक अधिकांश स्कूलों ने यह काम नहीं किया है।

बता दें, कि मध्य प्रदेश सरकार द्वारा काफी समय से विशेष अभियान चलाकर निजी स्कूलों में अनियमितताओं की जांच की जा रही है। कुछ स्कूलों द्वारा फर्जी व डुप्लीकेट पाठ्य-पुस्तकों को पाठ्यक्रम में शामिल करने की बात सामने आई थी। जिसके बाद इस बड़े फर्जीवाड़े का उजागर हुआ। इसके बाद सरकार के द्वारा यह सख्त कार्रवाई की गई हैं। एमपी के स्कूल शिक्षा विभाग ने ऐसा रवैया देखने के बाद भी इन स्कूलों को 15 दिन का और अतिरिक्त समय दिया है। पहले के मुकाबले अब इन्हें 24 जून तक पोर्टल पर फीस स्ट्रक्चर और अन्य जानकारी अपलोड करने के लिए कहा है।
कलेक्टर भी नहीं दे रहे ध्यान

यह बात भी सामने आई है कि सरकार के आदेश के बाद भी अधिकांश जिला कलेक्टर ने शिक्षा माफिया के खिलाफ को ठोस कार्रवाई नहीं की है। इसे देखते हुए विभाग ने कलेक्टर, संभागीय संयुक्त संचालकों और जिला शिक्षा अधिकारियों से कहा गया है कि अपने जिले और संभाग के प्राइवेट स्कूलों से यह जानकारी जल्दी से जल्दी भरवाएं।
क्या कहते हैं नियम

गौरतलब है कि प्रदेश में निजी स्कूलों द्वारा फीस में वृद्धि एवं इससे जुड़े अन्य विषयों को नियमन करने के लिए मध्य प्रदेश निजी विद्यालय फीस और संबंधित विषयों का विनियमन अधिनियम-2017 बनाया गया है। इस अधिनियम को 2018 में लागू किया गया था। इसके बाद इस अधिनियम के अधीन एमपी के निजी स्कूल फीस तथा संबंधित विषयों का विनियमन 2020 में प्रावधान किया गया है। इस नियम के हिसाब से राज्य सरकार प्राइवेट स्कूलों की फीस और अन्य विषयों पर निर्णय लेकर फीस विनियमन कर सकेगी।
डुप्लीकेट किताब चलाने का खुलासा

गौरतलब है कि जबलपुर कलेक्टर दीपक सक्सेना ने 11 निजी स्कूलों की जांच कराकर वहां फर्जी और डुप्लीकेट पुस्तकें चलाने का खुलासा किया था। उन्होंने यह भी पकड़ा कि इन स्कूलों ने 81.30 करोड़ रुपए की फीस ज्यादा वसूल ली और 240 करोड़ की नियम विरुद्ध आय अर्जित की थी। इन स्कूलों पर 22 लाख की पेनाल्टी लगाकर स्कूलों के 20 प्राचार्यों, चेयरमैन, सीईओ, सचिव और अन्य पदाधिकारियों की गिरफ्तार किया गया था। इसे बड़ी कार्रवाई के बाद एक बार फिर सरकार एक्शन मोड़ में नजर आ रही है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *