अस्पताल में एक युवक की उपचार की दौरान मौत, परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन पर लगाए लापरवाही के आरोप
धार
शहर के श्री श्याम अस्पताल में एक युवक की उपचार की दौरान मौत हो गई। रात को ही मृतक के स्वजजनों ने डॉक्टर व चिकित्सालय प्रबंधन पर गंभीर आरोप लगाते हुए चिकित्सालय के सामने ही रात्रि में विरोध प्रदर्शन किया घटना की जानकारी मिलते ही स्थानीय पुलिस व प्रशासनिक अधिकारी घटनास्थल पहुंचे और मृतक के स्वजनों को समझाइश देने के बाद मामला शांत करवाया। मृतक का शव पीएम के लिए जिला चिकित्सालय भेजा गया। यहां पीएम के बाद शव को स्वजन को सुपुर्द कर दिया गया। मामले को लेकर पुलिस ने मर्ग कायम कर जांच प्रारंभ कर दी है। वहीं इस मामले में अस्पताल प्रशासन के खिलाफ अब जांच होंगी। इतना ही नहीं इस जांच के दायरे में सरकारी डॉक्टर भी आएंगे जो यहां आकर सेवा दे रहे थे।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक नगर के मांडू नाका स्थित श्री श्याम अस्पताल में धरमपुरी तहसील के ग्राम पंधनिया से अमर सिंह पुत्र अंबाराम अपने स्वजनों के साथ आठ जून को पथरी के इलाज के लिए भर्ती हुआ था। 10 जून को दोपहर में अमर सिंह का ऑपरेशन डॉक्टर संजय राठौड़ ने किया। ऑपरेशन होने के बाद उसे वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया। इसके बाद डॉक्टर ने कहा था कि उसका उपचार जारी है, किंतु मरीज को रात 9 बजे तक होश नहीं आया। इसके बाद अमर सिंह की सांसे लंबी-लंबी चलने लगी। इस पर स्वजन घबराने लगे और तुरंत ही डॉक्टर को जानकारी दी गई। इसके बाद युवक की मौत हो गई। स्वजनों ने अस्पताल के सामने ही जमकर विरोध प्रदर्शन किया। घटना की सूचना मिलते ही स्वास्थ्य अधिकारी सुधीर मोदी पुलिस और तहसीलदार पहुंचे। उन्होंने मरीज को देखा तो तब तक उसकी मौत हो चुकी थी। अस्पताल के डॉ संजय राठौड़ ने कहा कि डॉक्टर गिरिराज भूरा ने ही अमर सिंह को बेहोश किया था।
आयुष्मान कार्ड होने के बावजूद उपचार के लिए रुपय
मृतक के स्वजनों ने कहा कि शासन की योजना के तहत आयुष्मान कार्ड के माध्यम से पांच लाख रु तक का मुफ्त इलाज होता है। इस पर हमने अस्पताल के कर्मचारियों को आयुष्मान कार्ड भी बताया, किंतु कार्ड मान्य नहीं किया गया। हमसे उपचार के लिए 12 हजार से अधिक राशि ली गई। रु लेने के बावजूद अमर सिंह का जीवन नहीं बचा पाए। मरीज हमारे पास में पथरी का इलाज करवाने के लिए आए थे। मरीज की पूरी मेडिकल फिटनेस के बाद ही हमने दूरबीन के माध्यम से ऑपरेशन किया। ऑपरेशन सफल रहा। इसके बाद शाम को वह लंबी सांस लेने लगा। हम तुरंत ही मरीज को आईसीयू में ले गए। यहां पर वेंटीलेटर पर लिया, किंतु मरीज की मौत हो गई।