September 28, 2024

PP-15 से आज पूरी तरह पीछे हट जाएगी भारत-चीन की सेना, क्यों देश को अभी भी अलर्ट रहने की जरूरत?

0

नई दिल्ली
भारत और चीन के सैनिकों के पूर्वी लद्दाख में पेट्रोल प्वाइंट-15 (गोगरा-हॉट स्प्रिंग एरिया) से पीछे हटने की प्रक्रिया आज पूरी हो जाएगी, जैसा कि दोनों देशों की ओर से पहले घोषणा की गई थी। लद्दाख में बने तनाव पर नजर रखने वाले अधिकारियों ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि सैनिकों के पहले की स्थिति में वापस जाने और वहां बनाए गए अस्थायी ठिकानों को खत्म करने की प्रक्रिया भी आज पूरी हो जाएगी। अधिकारियों ने बताया कि सैनिकों के पीछे हटने की घोषणा 8 सितंबर को हुई थी। माना जा रहा है कि इसके बाद वहां पर 2 से 4 किलोमीटर का बफर जोन बनाया जा सकता है। ऐसा उस दौरान भी किया गया था जब पिछली बार वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के विवादित प्वाइंट्स से सैनिक पीछे हटे थे।

'प्लान के हिसाब से चल रही पीछे हटने की प्रक्रिया'
दोनों सेनाओं के बीच पीछे हटने का यह चौथा दौर है। अधिकारी ने कहा कि पीपी-15 से सैनिकों के पीछे हटने की प्रक्रिया प्लान के हिसाब से ही चल रही है। इसके बाद दोनों ही देश ज्वाइंट वेरिफिकेशन करेंगे। लद्दाख सेक्टर में भारतीय और चीनी सैनिकों के पीछे हटने की प्रक्रिया एक साल से अधिक समय से रुकी हुई थी। पिछले साल अगस्त में गोगरा सेक्टर (PP-17A) से दोनों देशों की सेनाएं पीछे हटी थीं।
 
2 साल से दोनों देशों के बीच बना हुआ था गतिरोथ
भारत और चीन की सेना ने बीते गुरुवार को घोषणा की थी कि उन्होंने पूर्वी लद्दाख के गोगरा-हॉट स्प्रिंग क्षेत्र में पेट्रोलिंग प्वाइंट-15 से पीछे हटना शुरू कर दिया है। यह क्षेत्र में संघर्ष वाले बिंदुओं से सैनिकों के पीछे हटने की रुकी हुई प्रक्रिया की दिशा में हुई काफी अहम प्रगति को दर्शाता है। इस इलाके में 2 साल से अधिक समय से दोनों पक्षों के बीच गतिरोध बना हुआ था।

LAC पर शांति की मांग करता रहा देश
भारत लगातार कहता रहा है कि द्विपक्षीय संबंधों के समग्र विकास के लिए एलएसी के पास शांति बनाए रखना जरूरी है। गतिरोध को हल करने के लिए दोनों सेनाओं ने कोर कमांडर स्तर की 16 दौर की बातचीत की। गौरतलब है कि पैंगोंग झील क्षेत्र में हिंसक झड़प के बाद 5 मई, 2020 को पूर्वी लद्दाख में सीमा गतिरोध शुरू हो गया था।

'भारत को अभी भी रहना होगा अलर्ट'
सैन्य मामलों के विशेषज्ञ लेफ्टिनेंट जनरल डीबी शेकतकर (सेवानिवृत्त) ने सेनाओं के पीछे हटने की प्रक्रिया के बीच आगाह किया है। उन्होंने कहा, 'इन मामलों में चीन से मिले अनुभव को देखते हुए सतर्क रहने की जरूरत है। पिछले तीन दशक में भारत ने सीमा पर शांति बनाए रखने के लिए चीन के साथ कई समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं, लेकिन इसने हमेशा हमारे साथ विश्वासघात किया है।'

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *