पक्ष में आया ज्ञानवापी का फैसला तो एएसआई सर्वे और शिवलिंग की कार्बन डेटिंग की मांग करेगा हिंदू पक्ष
वाराणसी
ज्ञानवापी-शृंगार गौरी केस की मेरिट पर सोमवार को जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत में फैसला आने की उम्मीद है। फैसले में तय हो जाएगा कि अदालत में दायर वाद सुनने योग्य है या नहीं। इस बीच हिंदू पक्ष ने कहा है कि फैसला यदि उसके पक्ष में आता है तो भारत पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (एएसआई) से सर्वे और शिवलिंग की कार्बन डेटिंग कराने की मांग करेगा।
पिछली सुनवाई पर दोनों पक्ष की बहस पूरी होने के बाद अदालत ने सुनवाई के लिए 12 सितंबर की तिथि तय की थी। ज्ञानवापी-शृंगार गौरी केस की मेरिट पर फैसले के मद्देनजर पुलिस हाई अलर्ट पर है। एएनआई से बात करते हुए हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा कि आज के फैसले में पता चल जाएगा कि आध्यात्मिक और ऐतिहासिक बुक दिखाई जाएंगी की नहीं? इसलिए आज का दिन महत्वपू्र्ण है क्योंकि हमारे बहस को अगर कोर्ट मानकर मस्जिद कमेटी के आवेदन को अस्वीकार करती है तो इसका प्रभाव ये होगा कि ये केस आगे बढ़ेगा।
उन्होंने कहा कि 1991 का उपासना अधिनियम हमारे पक्ष में है क्योंकि हमारा कहना है कि 15 अगस्त 1947 को इस जगह का धार्मिक स्वरूप एक हिंदू मंदिर का था और मुझे लगता है कि अगर आने वाले समय में ये आवेदन अस्वीकार होती है तो धार्मिक स्वरूप को तय करने की कवायद और आगे बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि यदि फैसला हमारे पक्ष में आता है तो हम एएसआई सर्वे और शिवलिंग की कार्बन डेटिंग की मांग करेंगे।
हिंदू पक्ष के अन्य अधिवक्ता सोहन लाल आर्या ने कहा कि फैसला काशी विश्वनाथ की बुनियाद रखे जाने का पहला दिन साबित होगा। उन्होंने कहा हालांकि यह दिन दुनिया भर में हिन्दुओं के लिए काफी खुशी का दिन साबित होने जा रहा है। कोर्ट अपना फैसला दो बजे सुनाएगी। हने आज सुबह भगवान शिव के दर्शन के लिए प्रार्थना की। फैसला सुनाए जाने के बाद हम दर्शन करेंगे। पक्ष में फैसला आने की खुशी वाराणसी के लोग घंटी और ताली बजाकर जाहिर करेंगे। उन्होंने कहा कि काशी हिंदू जनमानस को जगाने का काम करेगी।
फैसले आने की संभावना के मद्देनजर वाराणसी में रविवार से धारा 144 लागू है और सुरक्षा व्यवस्था बेहद कड़ी कर दी गई है। मिश्रित आबादी वाले क्षेत्रों में खासतौर पर फोर्स तैनात की गई है। लगातार गश्त के जरिए कानून व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है।