भाजपा अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने राज्य में सीएम मंत्रियों और विधायकों के वेतन-भत्ते में वृद्धि पर राज्य सरकार को घेरा
रांची
झारखंड के पूर्व सीएम और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने राज्य में सीएम, मंत्रियों और विधायकों के वेतन-भत्ते में वृद्धि पर राज्य सरकार को घेरा है।
उन्होंने कहा कि इस सरकार के पास गरीब, युवा, किसान और महिलाओं के लिए पैसे की कमी रहती है, लेकिन सत्ताधारियों एवं जनप्रतिनिधियों के लिए धन की वर्षा होने लगती है। दरअसल, झारखंड कैबिनेट ने बुधवार को सीएम, मंत्रियों, विधायकों, स्पीकर, पार्टी सचेतकों के वेतन-भत्ते में एकमुश्त भारी इजाफे का निर्णय लिया है।
इस पर बाबूलाल मरांडी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, "जहां गठबंधन सरकार के पास महिलाओं को चूल्हा खर्च देने के नाम पर 2,000 रुपए तक नहीं हैं, जहां बेरोजगारी भत्ता देने में सरकार की रूह कांप उठती है, जहां किसानों के 2 लाख तक कर्ज माफी करने में सरकार के पास पैसे नहीं बचते है, जहां गरीबों की थाली में दो वक्त की रोटी मुहैया कराने में पैसे की कमी हो जाती है, उसी गठबंधन सरकार के लिए, खुद के लिए पैसों की कोई कमी नहीं है।"
भाजपा नेता ने कहा, "जहां मुख्यमंत्री को महीने के 80,000 रुपए, मंत्री और राज्यमंत्री को 65,000 रुपए तथा विधायकों को 40,000 रुपए कम पड़ जाते हों, वहीं झारखंड की आम जनता के भविष्य और जीवन यापन के लिए सरकार के पास दो आना भी नहीं है।"
बाबूलाल मरांडी ने आगे लिखा, "ये कैसी सरकार है, जिसकी सांसें बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराने में फूलने लगती हों, छात्रों के लिए नौकरी का विज्ञापन निकालने में हाथ थरथराने लगते हों, मजदूरों की मजदूरी बढ़ाने में जिनकी इंसानियत मर जाती हो, महिलाओं को आत्मनिर्भर और सशक्त बनाने में जिनके पैरों के नीचे की जमीन खिसक जाती हो, गरीबों के बेहतर जीवन यापन की गारंटी देने में जिनकी कलम चलनी बंद हो जाती हो, किसानों के साथ न्याय करने में जिनके पसीने छूटने लगते हों, झारखंड की जनता जानना चाहती है कि जब बात खुद के इंतजाम की आती है तो इतने पैसे सरकार के किस बटुए में आ जाते हैं।"
उन्होंने सवाल किया, "सरकार के आंगन में लगा वो कौन सा पैसों का पेड़ है, जो सत्ताधारियों और जनप्रतिनिधियों के लिए ही धन की वर्षा करता है और सभी के वेतन में 20 हजार रुपए का इजाफा कर दिया जाता है।"