November 28, 2024

जहरीली शराब पीने के बाद तमिलनाडु में अबतक 55 की मौत, 88 लोग अस्पताल में भर्ती

0

 कल्लाकुरिची

तमिलनाडु के कल्लाकुरिची जिले में जहीरीली शराब पीने के कारण 55 लोगों की मौत हो गई है. बता दें कि यह जिला राज्य की राजधानी चेन्नई से 250 किलोमीटर है. पिछले कुछ दिनों में जहरीली शराब पीने वाले कम से कम 88 अन्य लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है. इनमें से कई पीड़ित करुणापुरम इलाके के थे.

जहीरीली शराब पीने के कारण तीन नाबालिग बच्चों के माता और पिता दोनों की मौत हो गई है. इसके बाद अब तीनों बच्चों का भविष्य कैसा होगा वो भी नहीं जानते हैं. उनकी दादी ने कहा, “मैं नहीं जानती कि इन बच्चों की देखभाल कैसे करनी है.”

अपने बेटे को खोने वाली एक महिला ने कहा, “उसने कहा था कि मेरे पेट में बहुत दर्द है और आंखें खोलने में मुश्किल हो रही थी. उसने कहा कि उसने अरक पी लिया है. शुरुआत में अस्पताल ने उसे यह कहते हुए भर्ती करने से मना कर दिया कि उसने शराब पी रखी है. राज्य सरकार को सभी शराब की दुकानें बंद कर देनी चाहिए.”

अन्य मां ने कहा, “मेरे बेटे के पेट में बहुत अधिक दर्द हो रहा था. वो न ही देख पा रहा था और न ही बोल पा रहा था. ऐसा किसी के साथ नहीं होना चाहिए. आपको इस शराब को बेचना बंद कर देना चाहिए.” पुलिस ने चार संदिग्ध तस्करों को गिरफ्तार किया है और 10 अन्य को हिरासत में लिया है. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि इन मौतों की वजह जहरीली शराब पीना है. उन्होंने कहा, “हम जांच कर रहे हैं कि उन्होंने वास्तव में क्या पिया था.”

वहीं राज्य सरकार ने जिला पुलिस प्रमुख समय सिंह मीना को निलंबित कर दिया है और उनकी जगह रजत चतुर्वेदी को नियुक्त किया है. कलेक्टर श्रवण कुमार जाटावत की जगह एमएस प्रशांत को नियुक्त किया गया है. शराबबंदी प्रवर्तन शाखा के एक पुलिस उपाधीक्षक स्तर के अधिकारी, तीन निरीक्षक और इतने ही उपनिरीक्षकों को भी निलंबित कर दिया गया है. राज्य सरकार ने जहरीली शराब त्रासदी की जांच भी सीबी-सीआईडी ​​को सौंप दी है.

मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि वे लोगों की जान जाने से स्तब्ध और दुखी हैं. “आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है. इसे रोकने में विफल रहने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है. हम सख्ती से कार्रवाई करेंगे. अगर जनता ऐसे अपराधियों के खिलाफ शिकायत करती है, तो कार्रवाई की जाएगी.”

मुख्यमंत्री ने मद्रास उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश न्यायमूर्ति बी गोकुलदास द्वारा जांच की घोषणा की है. प्रत्येक पीड़ित के परिवार को 10 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाएगा. स्टालिन ने अवैध शराब बनाने वालों, मेथनॉल विक्रेताओं को गिरफ्तार करने और मेथनॉल को नष्ट करने का आदेश दिया था. इस त्रासदी को खुफिया एजेंसियों और शराबबंदी प्रवर्तन विंग की बड़ी विफलता के रूप में देखा जा रहा है. पिछले साल भी तमिलनाडु में मेथेनॉल पीने से 22 लोगों की मौत हो गई थी.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *