भू-माफियाओं के हौसले बुलंद, शासकीय संपत्तियों को किया जा रहा है नष्ट
सिरोंज
प्रदेश सरकार भले ही भू माफियाओं के विरुद्ध कार्रवाई करने के निर्देश देती है पर धरातल में उनके निदेर्शों का पालन नहीं किया जा रहा है। जिसके चलते भूमाफिया निजी और शासकीय जमीन को हड़पने में लगे हुए हैं।
अतिक्रमण के तहत अभियान चलाए लेकिन स्थानीय प्रशासन की अनदेखी के चलते शासकीय संपत्तियों को नष्ट किया जा रहा है । सरकार द्वारा सभी ग्राम पंचायतो में निर्मित तालाबों का अमृत सरोवर योजना के तहत पुन: निर्माण करया जा रहा है । परन्तु ग्राम पंचायत दीकनाखेड़ा के तालाब का ना तो पुन: निर्माण किया गया और ना ही उसे अतिक्रमण मुक्त कराया गया तालाब पर भू माफियाओं का कब्जा है।
ग्रामीणों द्वारा बताया गया कि दबंग आए दिन ग्रामीणों से दुर्व्यवहार गाली-गलौज गुंडागर्दी करते हैं जिन पर कोई कार्रवाई करने की हिम्मत नहीं करता प्रशासन की इस अनदेखी के चलते शासकीय संपत्ति को नष्ट कर दिया और उसे खेत में तव्दील कर दिया है।
प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा चलाया जा रहा है भू माफियाओं के विरुद्ध अभियान
मुख्यमंत्री द्वारा सार्वजानिक भूमि और शासकीय तालाबों से अतिक्रमण हटाने का सख्त निर्देश दिया गया है, जबकि जिम्मेदार चुप्पी साधे हुए हैं । भू माफियाओं के हौसले इतने बुलंद हैं कि प्रशासन का खौफ भी नहीं है वे बेखौफ शासकीय संपत्ति को नष्ट कर अपना अतिक्रमण कर लेते हैं। एसा ही एक मामला ग्राम पंचायत दिकनाखेड़ा का है ग्राम पंचायत के ग्रामीणों द्वारा बताया गया है कि ग्राम में एक शासकीय तालाब निर्मित था जिसे ग्राम में निवासरत भू माफियाओं एवं दबंगों द्वारा नष्ट कर दिया गया है उक्त तालाब को किसान अपनी फसल सिंचाई में उपयोग करते थे एवं ग्राम पंचायत द्वारा निर्मित और। मामला पंचायती राज व्यवस्था के व्यवस्था के अंतर्गत आता है जिस पर संबंधित कर्मचारियों द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गई।
शासकीय संपत्ति की सुरक्षा का संविधान में भी है वर्णन
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 51 ए में मौलिक कर्तव्यों का वर्णन है।इसमें बताया गया कि देश के प्रत्येक नागरिक को शासकीय संपत्ति की सुरक्षा का अधिकार है। लेकिन भू-माफियाओं की गुंडागर्दी के चलते ग्रामीणों द्वारा शिकायत भी नहीं की जाती।
इनका कहना
ग्राम दीकनाखेड़ा में शासकीय तालाब है जिस पर गांव के ही दबंग द्वारा अवैध रूप से कब्जा कर उसे खेत में तब्दील कर उसमे धान उगाली है उक्त तालाब से सेिंचाई की जाती थी और पशु अपनी प्यास बुझाते थे लेकिन अब यह खेत में तब्दील हो गया।
प्रमोद शर्मा, ग्रामीण, दीकनाखेड़ा
ग्राम पंचायत दीकनाखेड़ा का मामला हमारे संज्ञान में आया है तहसीलदार को जाँच के निर्देश दिए हैं।
प्रवीण प्रजापति, एस डी एम सिरोंज