राजस्थान-कोटा सांसद ओम बिरला लगातार दूसरी बार बने लोकसभा अध्यक्ष, जाखड़ के बाद दोबारा चुनकर रचा इतिहास
कोटा.
लोकसभा स्पीकर पद के लिए ओम बिरला ध्वनि मत से चुने गए हैं। बीजेपी के नेतृत्व वाले NDA के उम्मीदवार ओम बिरला ने कांग्रेस के 'के सुरेश' को चुनाव में हरा दिया है। ओम बिरला को लोकसभा स्पीकर चुने जाने के बाद बिरला को चेयर तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने छोड़ा। पीएम मोदी ने ओम बिरला को बधाई देते हुए कहा, ''मैं पूरे सदन को बधाई देता हूं। हम सभी का विश्वास है कि आने वाले पांच साल में आप हमारा मार्गदर्शन करेंगे।
बता दें कि ओम बिरला लगातार दूसरी बार लोकसभा अध्यक्ष बनने वाले पांचवें नेता हैं। इससे पहले 1956 से 1962 तक एमए अय्यंगार, 1969 से 1975 तक जीएस ढिल्लों, 1980 से 1989 तक बलराम जाखड़, 1998 से 2002 तक जीएमसी बालयोगी लोकसभा अध्यक्ष रहे हैं, जिन्होंने लगातार दो लोकसभाओं की अध्यक्षता की है। नीलम संजीव रेड्डी ऐसे सांसद रहे हैं जो दो बार लोकसभा अध्यक्ष रहे लेकिन लगातार नहीं रहे। उन्हें 1967 से 1969 तक और फिर मार्च 1977 से जुलाई 1977 तक लोकसभा अध्यक्ष चुना गया था।
तीन बार विधायक बने
ओम बिरला का संसदीय अनुभव भले ही लंबा नहीं रहा है, लेकिन वे 2003 से लेकर अब तक लगातार हर चुनाव जीतते आए हैं। साल 2003 में उन्होंने कोटा से पहला विधानसभा चुनाव लड़ा और जीते। इसके बाद 2008 में उन्होंने कोटा दक्षिण सीट से कांग्रेस के शांति धारीवाल को हराकर विधानसभा चुनाव जीता। तीसरा विधानसभा चुनाव भी उन्होंने कोटा दक्षिण से 2013 में जीता था।
2014 में पहली बार लड़ा लोकसभा चुनाव
2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने ओम बिरला कोटा संसदीय सीट से प्रत्याशी बनाया। चुनाव जीतने के बाद उन्होंने विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। 2019 में बिरला फिर से सांसद चुने गए और इस बार भाजपा ने उन्हें स्पीकर बनाकर सबको चौंका दिया। उनके पास भले लंबा संसदीय अनुभव नहीं था, लेकिन लोकसभा को जिस ढंग से उन्होंने चलाया उसकी सभी ने तारीफ भी की। 2024 लोकसभा चुनाव में जीत दर्ज करने के बाद अब बिरला एक बार फिर से लोकसभा अध्यक्ष के दावेदार बन चुके हैं।
कांग्रेस के प्रहलाद गुंजल को हराकर पहुंचे संसद
बिरला इस बार कोटा संसदीय सीट से चुनकर लोकसभा पहुंचे हैं। उन्होंने कांग्रेस के प्रहलाद गुंजल को चुनाव हराया है। इससे पहले वे 2003 से 2014 तक कोटा नॉर्थ की विधानसभा से लगातार विधायक चुने गए थे।