लापरवाही :गुना अस्पताल में मरीजों को हाथ में दे रहे खाना
गुना
गुना के जिला अस्पताल में जिम्मेदारों की लापरवाही के चलते मरीज हाथ में भोजन लेकर खाने को मजबूर हैं। क्योंकि कोरोनाकाल में संक्रमण के डर के चलते कलेक्टर ने डिस्पोजल थाली में भोजन देने की व्यवस्था लागू कर दी थी, लेकिन अब एक जुलाई से प्लास्टिक पर रोक के चलते इसकी सप्लाई बंद हो गई है।
इस कारण पिछले पांच दिन से मरीजों को हाथ में रोटियां,सलाद और घर से लाए बर्तन में सब्जी दी जा रही है। सिविल सर्जन डॉ. बीएल कुशवाह ने कहा- कलेक्टर कहेंगे, तब थाली में भोजन परोसेंगे।
अस्पताल प्रशासक डॉ. शिल्पा टाटिया का कहना है कि कलेक्टर ने थाली में भोजन देने की व्यवस्था बंद करवा दी थी। उधर कलेक्टर फ्रेंक नोबल, ए का कहना है कि हमें तो किसी ने बताया ही नहीं, इसलिए वहां क्या चल रहा है, हम देखते हैं। पहले थाली कटोरी कोरोना के चलते बंद करवा दिए थे, लेकिन अब ऐसी कोई बात नहीं।
12 वार्ड में इंचार्ज को दी थीं 60-60 थालियां
जिला अस्पताल के सभी 12 वार्ड इंचार्ज को 50 से 60 थाली दी गईं थीं। तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट ने अस्पताल का दौरा किया था। मरीजों को थाली में भोजन वितरण के लिए कहा था। तभी लाखों रुपए खर्च कर थालियां खरीदी थीं लेकिन डिब्बा में भोजन वितरण व्यवस्था के बाद से ही थालियां गायब हैं।
सब्जी से गल जाती है कागज की कटोरी
मरीज द्रोपदी बाई ने कहा कि घर से कोई बर्तन नहीं लाए थे, इस वजह से कर्मचारी ने उन्हें हाथ में ही रोटी दे दी। सब्जी के लिए कोई कटोरी नहीं थी तो रोटी बिना सब्जी के ही खाना पड़ी। खाना बांट रहे कर्मचारी का कहना था कि वह डिब्बे भी लेकर आते हैं। लेकिन कटोरी कागज की हैं, इसमें सब्जी भरते हैं तो यह गल जाती है और सब्जी फैल जाती है।