मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज वाल्मीकि नगर में अतिथि गृह का शिलापट्ट अनावरण फीता काटकर लोकार्पण किया
पटना
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज पश्चिमी चंपारण जिला स्थित वाल्मीकि नगर में वाल्मीकि सभागार एवं अतिथि गृह का शिलापट्ट अनावरण कर एवं फीता काटकर लोकार्पण किया। वाल्मीकि सभागार एवं अतिथि गृह परिसर में स्थापित महर्षि वाल्मीकि जी की प्रतिमा पर मुख्यमंत्री ने माल्यार्पण कर उन्हें नमन किया। मुख्यमंत्री ने वाल्मीकि सभागार एवं अतिथि गृह प्रांगण में पौधारोपण भी किया।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को दिए ये निर्देश
लोकार्पण के पश्चात मुख्यमंत्री ने वाल्मीकि सभागार एवं अतिथि गृह का मुआयना किया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने मीटिंग रूम, लिफ्ट लॉबी, बहुउद्देश्यीय हॉल आदि का मुआयना कर भवन निर्माण विभाग के सचिव कुमार रवि से विस्तृत जानकारी ली। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि वाल्मीकि सभागार एवं अतिथि गृह का मेंटेनेंस ठीक ढंग से होता रहे, इसका विशेष रूप से ख्याल रखें। इसका काफी सुंदर तरीके से निर्माण हुआ है। इसके बन जाने से अब यहां आने वाले पर्यटकों के आवासन में सुविधा होगी। यहां आने वाले लोगों की संख्या बढ़ती जा रही है, इसको ध्यान में रखते हुए इसका निर्माण कराया गया है। लोगों की सुविधाओं को ध्यान में रखकर राज्य सरकार बिहार के हर क्षेत्र का विकास कर रही है। भवन निर्माण विभाग द्वारा तैयार की गई वाल्मीकि सभागार एवं अतिथि गृह पर आधारित लघु फिल्म मुख्यमंत्री के समक्ष प्रदर्शित की गई। मुख्यमंत्री ने वाल्मीकि सभागार एवं अतिथि गृह के निर्माण में विशेष योगदान देनेवाले पश्चिमी चंपारण के जिलाधिकारी दिनेश कुमार राय, बगहा की अनुमंडल पदाधिकारी डॉ० अनुपमा सिंह सहित अन्य अधिकारियों एवं अभियंताओं को प्रशस्ति पत्र प्रदान कर सम्मानित किया।
समृद्ध विरासत ने वाल्मीकि नगर को एक अलग पहचान दिलाई
उल्लेखनीय है कि समृद्ध विरासत और संस्कृति के साथ ही प्राकृतिक खूबसूरती ने, देश और दुनिया में वाल्मीकि नगर को एक अलग पहचान दिलाई है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की परिकल्पना, कुशल नेतृत्व और दूरदर्शी सोच ने वाल्मीकि नगर में पर्यटन के माध्यम से आर्थिक विकास की संभावनाओं को पहचाना और इस क्षेत्र में विकास के लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय लिया। इसी कड़ी में 05 मई 2022 को वाल्मीकि सभागार एवं अतिथि गृह परिसर का शिलान्यास मुख्यमंत्री के कर कमलों द्वारा किया गया। भवन निर्माण विभाग ने तय समय के भीतर कल कल करती गंडक नदी और वाल्मीकि नहर के किनारे 27 एकड़ भूखंड में सिंचाई विभाग द्वारा प्रदत लगभग 120 करोड़ रुपए की प्रशासनिक स्वीकृति से वाल्मीकि सभागार और चार अतिथि गृहों का निर्माण किया है। परिसर का कुल निर्मित क्षेत्र 16,872 वर्ग मीटर है।
भूकंप जोन चार और ग्रीन बिल्डिंग के मानकों के अनुसार किया गया भवनों का निर्माण
भवनों का निर्माण भूकंप जोन चार और ग्रीन बिल्डिंग के मानकों के अनुसार किया गया है। मुख्य भवन यानी वाल्मीकि सभागार का कुल निर्मित क्षेत्र 7457 वर्ग मीटर है, इसमें सांस्कृतिक कार्यक्रम, सेमिनार जैसे अन्य महत्वपूर्ण आयोजनों के लिए अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस 500 क्षमता का एक प्रेक्षागृह का निर्माण कराया गया है। सभागार में नई तकनीक पर आधारित ऑडियो-विजुअल उपकरण, सीसीटीवी कैमरा, अग्निशमन उपकरण भी लगाए गए हैं। वाल्मीकि सभागार के भूतल पर एक ग्रीन रूम, एक अविशष्ट कक्ष, 80 लोगों के क्षमता का एक भोजनालय है। प्रथम तल पर एक बहुउद्देशीय हॉल, जिसमें एक साथ 132 लोगों के बैठने की क्षमता है, प्रथम तल पर ही 22 की क्षमता का एक बड़ा मीटिंग रूम, एक लाउंज और एक बहुउद्देशीय हॉल का निर्माण भी कराया गया है। सभागार में आधुनिकतम वातानुकूलन उपकरण और एक लिफ्ट भी लगाया गया है।
पर्यटकों और वन्य प्रेमियों के लिए हॉट डेस्टिनेशन बना वाल्मीकि नगर
वाल्मीकि नगर पिछले कुछ वर्षों में पर्यटकों और वन्य प्रेमियों के लिए हॉट डेस्टिनेशन बना है। इन्हीं बातों को ध्यान में रखते हुए यहां आने वाले पर्यटकों और अतिथियों के विश्राम हेतु आधुनिकतम सुविधाओं से युक्त चार अतिथि गृहों का निर्माण कराया गया है, जिसमें 01 अतिविशिष्ट कमरा, 05 सुईट रूम, 27 सुपर डिलक्स, 30 डीलक्स और 25 सामान्य कमरों का निर्माण किया गया है। प्रत्येक अतिथि गृह मंर एक एक भोजनालय और प्रतिक्षालय का निर्माण भी कराया गया है। चारो अतिथि गृह का कुल निर्मित क्षेत्र 8588 वर्ग मीटर है। परिसर में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट, वाटर ट्रीटमेंट प्लांट, इलेक्ट्रिक सब स्टेशन और जनरेटर रूम भी है। वाल्मीकि सभागार एवं अतिथि गृह में निर्मित भवनों में लाल ईटों के स्थान पर फ्लाई ऐश ईंटों का उपयोग किया गया है। साथ ही वर्षा जल संचयन के लिए रिचार्ज पीट और रोशनी के लिए सोलर लाइट की व्यवस्था भी की गई है। परिसर वैकल्पिक ऊर्जा स्रोतों के इस्तेमाल पर विशेष ध्यान दिया गया हैं इसके लिए निर्मित भवनों पर सौर प्लेट लागए गए हैं, जिससे 210 किलोवाट तक बिजली उत्पादन होगी। वाल्मीकि सभागार एवं अतिथि गृह का पूरा परिसर पर्यावरण संरक्षण, जल संचयन के अलावा अपनी सुंदरता और वास्तुकला का बेजोर नमूना पेश करती है। पूरे परिसर में हरियाली पर विशेष ध्यान दिया गया है।