मोहन सरकार का पहला बजट 3 जुलाई को होगा पेश, जनता के लिए क्या रहेगा खास?
भोपाल
मध्य प्रदेश की बीजेपी की मोहन यादव सरकार का पहला पूर्ण बजट तीन जुलाई बुधवार को विधानसभा में पेश किया जाएगा. प्रदेश के उप मुख्यमंत्री और वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा इसे विधानसभा में पेश करेंगे. एक अनुमान के मुताबिक, इसमें तीन लाख 65 हजार करोड़ रुपये से अधिक का वित्तीय प्रावधान होगा. इसमें कृषि, महिला और बच्चों के लिए प्रावधान अलग-अलग मदों में बजाए जाएंगे. इसके पहले 2 जुलाई को आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट प्रस्तुत की जाएगी.
सत्र में लाए जाएंगे कई विधेयक
1 जुलाई से शुरू होने वाले विधानसभा में सरकार करीब 1 दर्जन विधेयक लेकर आएगी. इसमें प्रदेश में बोरवेल में होने वाले हादसों को रोकने से जुड़ा बिल भी शामिल होगा. इसमें हादसे होने पर बोरवेल मालिक और जिम्मेदारी अधिकारी भी सजा के हादसे में आएंगे. यह बिल पास हुआ तो मध्यप्रदेश बोरवेल को लेकर नियम बनाने वाला पहला राज्य होगा. सरकार प्रदेश में बढ़ते विश्वविद्यालयों की संख्या को देखते हुए विश्वविद्यालय अधिनियम में संशोधन के लिए संशोधन विधेयक भी लेकर आ रही है. इसके अलावा मध्यप्रदेश स्थानीय प्राधिकरण निर्वाचन अपराध अधिनियम 1964 में संशोधन विधेयक, मध्यप्रदेश नगर पालिका संशोधन विधेयक 2024 और मध्यप्रदेश सुधारात्मक सेवाएं एवं बंदीगृह विधेयक 2024 को विधानसभा में मंजूरी के लिए रखा जाएगा. पर्यावरण विभाग द्वारा भी एक शासकीय संकल्प विधानसभा में पेश किया जाएगा.
इस बजट में कृषि, महिला और बच्चों के लिए किए जा रहे प्रावधानों का बजट में अलग से उल्लेख किया जाएगा. विधानसभा सचिवालय ने मानसून सत्र में होने वाली 14 बैठकों का सामान्य कार्यक्रम जारी किया है. 5, 12 और 19 जुलाई को अशासकीय संकल्प और विधेयकों पर चर्चा होगी. वहीं 19 जुलाई को बजट पारित किया जाएगा.
उप मुख्यमंत्री वित्त जगदीश देवड़ा पेश करेंगे बजट
मोहन सरकार के पहले बजट में 3 लाख 65 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का प्रावधान किए जाने की संभावना है. वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा बजट को विधानसभा में पेश करेंगे. कृषि, बच्चे और महिलाओं के लिए बजट में अलग मद रखी गई है. ऐसा बताया जा रहा है की सड़क, पुल-पुलिया के लिए 9 हजार करोड़ रुपये मिलेंगे.
उमंग सिंघार ने लगाया ये आरोप
प्रश्न काल के दौरान 3 जुलाई को चिकित्सा शिक्षा विभाग की ओर से विधायकों के सवाल के जवाब आने थे. अब सरकार 3 जुलाई को बजट पेश कर उन विधायकों के सवालों को खत्म करना चाहती है. भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश मीडिया प्रभारी आशीष अग्रवाल ने कहा कि कांग्रेस एक ऐसी पार्टी है जो विधानसभा और लोकसभा को चलने नहीं देती है. कांग्रेस के पास कोई मुद्दा नहीं है.
मध्य प्रदेश विधानसभा का सत्र काफी लंबा होने वाला है. कांग्रेस के नेता चाहे तो अपने सभी प्रश्नों के जवाब ले सकते हैं.उन्होंने कहा कि नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार को मध्य प्रदेश के बजट के प्रति गंभीर रहना चाहिए. वहीं राज्य में अगला विधानसभा और आम चुनाव चार से पांच साल बाद होगा। सरकार इस समय को कुछ कठोर वित्तीय फैसले लेने के लिए आदर्श मान रही है. वित्त विभाग ने गुरुवार को बजट अनुमानों के बारे में सभी विभागों को दिशा-निर्देश जारी किए हैं.