November 25, 2024

संसद में विपक्ष के नेता राहुल गांधी के भाषण को लेकर घमासन मचा, अब नूपुर शर्मा भी हिंदू वाले विवाद में कूद पड़ीं

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नई दिल्ली
संसद में विपक्ष के नेता राहुल गांधी के भाषण को लेकर घमासन मचा हुआ है। भाजपा और हिंदुवादी संगठन कांग्रेस नेता पर हमलावर हैं और उन्हें माफी मांगने को कह रहे हैं। इस बीच भाजपा से निकाली जा चुकीं नूपुर शर्मा ने भी इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया दी है। पैगंबर पर विवादित टिप्पणी की वजह से 2 साल तक सोशल मीडिया से भी गायब रहीं नूपुर शर्मा ने कहा कि जो धर्म का विनाश करता है, धर्म उसका विनाश कर देता है।  

नूपुर शर्मा ने सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म एक्स पर लिखा, 'हिंसक हिंदू नहीं बल्कि वो हैं जो हिंदुओं के नरसंहार की बात करते हैं। धर्म एव हतो हन्ति धर्मो रक्षति रक्षितः। तस्माद्धर्मो न हन्तव्यो मा नो धर्मो हतोऽवधीत्।। अर्थात- जो स्वधर्म (हिंदू) विमुख होकर धर्म का विनाश कर देता है, उस का विनाश धर्म कर देता है। जो धर्म की रक्षा करता है, धर्म उसकी रक्षा करता है।' माना जा रहा है कि नूपुर ने यह बात राहुल गांधी की ओर से दिए गए बयान को लेकर दिया है। हालांकि, उन्होंने राहुल गांधी का नाम नहीं लिया है। नूपुर शर्मा के इस पोस्ट पर उनके समर्थकों ने जमकर राहुल गांधी के खिलाफ भड़ास निकाली है।

राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान सोमवार को राहुल गांधी की ओर से दिए गए भाषण को लेकर भाजपा बेहद आक्रामक है और राहुल से माफी की मांग कर रही है। भाजपा का आरोप है कि राहुल ने हिंदुओं को हिंसक बताया जबकि कांग्रेस और विपक्ष की ओर से सफाई दी जा रही है कि उनका आरोप भाजपा पर था। खुद प्रधानमंत्री और गृहमंत्री अमित शाह ने भी संसद में आपत्ति जाहिर की थी।

लोकसभा में विपक्ष के नेता गांधी ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा में भाग लेते हुए कहा, 'सभी धर्मों और हमारे सभी महापुरुषों ने अहिंसा और निडरता की बात की है। वे कहते थे कि डरो मत, डराओ मत। शिवजी कहते हैं डरो मत, डराओ मत। वह अहिंसा की बात करते हैं। लेकिन जो लोग अपने आपको हिंदू कहते हैं, वो 24 घंटे हिंसा, नफरत और असत्य की बात करते हैं।' इस पर सत्तापक्ष के सदस्य अपने स्थान पर खड़े होकर जोरदार तरीके से विरोध जताने लगे। राहुल ने कहा, 'आप हिंदू हैं ही नहीं। हिंदू धर्म में साफ लिखा है सत्य के साथ खड़ा होना चाहिए, सत्य से पीछे नहीं हटना चाहिए। ये इसलिए चिल्ला रहे हैं, क्योंकि तीर दिल में जाकर लगा है।'

 

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