November 25, 2024

छत्तीसगढ़-बलरामपुर में खैरवार-खेरवार-खरवार आदिवासी समाज का महासम्मेलन, चार प्रदेशों से लोग हुए शामिल

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बलरामपुर.

बलरामपुर रामानुजगंज नगर के वार्ड क्रमांक 9 में स्थित लरंगसाय कम्युनिटी हाल में खेरवार,खैरवार,खरवार आदिवासी समाज का महासम्मेलन पूर्व विधायक बृहस्पति सिंह रामकिशुन सिंह, समाज के प्रदेश अध्यक्ष बुद्धदेव सिंह, पूर्व जनपद अध्यक्ष मोहन सिंह,तारावती सिंह, विश्वनाथ सिंह, नारायण सिंह सूर्यवंशी,धरमन सिंह,मुंद्रिका सिंह सहित समाज के चार प्रदेशों के हजारों लोगों की उपस्थिति में आयोजित किया गया।

महासम्मेलन के पश्चात राष्ट्रपति के नाम एसडीएम को ज्ञापन सौप अनुसूचित जनजाति की अनुसूची के सरल क्रमांक 16 में अंकित खैरवार जाति के साथ खेरवार और खरवार जाति को शामिल कर भारत के राज्य पत्र में प्रकाशित करने की मांग की। महासम्मेलन का शुभारंभ अर्जुन सिंह के द्वारा स्वागत गीत गाकर किया गया। इस अवसर पर वक्ताओं ने कहा कि पूरे भारत में हमारे समाज के लोग आठ राज्यों में निवासरत हैं। हम सब समाज के लोग समाज के हक के लिए 9 वर्षों से लड़ाई लड़ रहे है।  जाति प्रमाण पत्र छत्तीसगढ़ में बन रहा है परंतु अस्थाई समाधान नहीं है। मात्रा भेद के कारण समस्या खड़ी हो रही है। छत्तीसगढ़ शासन द्वारा संदर्भित पत्र क्रमांक 1 के माध्यम से सरल क्रमांक 16 के तहत अनुसूचित जनजाति की सूची की प्रविष्टि क्रमांक 21 में अंकित खैरवार जाति के साथ खेरवार,खरवार जाति को अनुसूचित जनजाति में शामिल किया गया है। किंतु अन्य राज्यों में शिक्षा ग्रहण, केंद्रीय नौकरी एवं अनुसूचित जनजाति के लाभ अथवा सुविधा हेतु भारत सरकार के राज्य पत्र में शामिल होना अनिवार्य है।

भारत सरकार के राज्य पत्र में शामिल नहीं होने का समाज की होनहार छात्र-छात्राओं को अन्य राज्यों में शिक्षा ग्रहण करने तथा अन्य शासकीय सुविधाओं का लाभ करने से वंचित हो रहे हैं। सम्मेलन को लेकर समाज के लोगों में काफी उत्साह देखा गया छत्तीसगढ़ के साथ-साथ मध्य प्रदेश, झारखंड एवं उत्तर प्रदेश से भी समाज के लोग उपस्थित रहे। इस दौरान कृष्णा सिंह जसवंत सिंह, राम अवतार सिंह, दीपिका सिंह, भोला सिंह मंगरु राम खरवार, नारायण सिंह, छोटेलाल सिंह,महरु सिंह,कामेश्वर सिंह, राम लखन सिंह, वासुदेव सिंह मटुकधारी सिंह, गिरवर सिंह, मक्खन सिंह,अभिषेक सिंह कुंवर सिंह, बसंत सिंह सहित हजारों की संख्या में समाज के लोग उपस्थित रहे। महासम्मेलन के पूर्व से ही मूसलाधार बारिश प्रारंभ हो गई थी परंतु मूसलाधार बारिश के बीच ही हजारों की संख्या में समाज के लोग उत्साह के साथ शामिल हुए।

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