PHE की AE निधि मिश्रा को लोकायुक्त पुलिस ने रिश्वत लेते गिरफ्तार
उज्जैन
मध्य प्रदेश लोकायुक्त के अधिकारियों ने लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी (PHE) विभाग में तैनात एक महिला सहायक अभियंता (Assistant Engineer) को उसके कार्यालय में एक ठेकेदार से 60 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए पकड़ा.
लोकायुक्त के पुलिस उपाधीक्षक (DSP) राजेश पाठक ने बताया कि गुप्त सूचना के आधार पर कार्रवाई करते हुए भ्रष्टाचार निरोधक एजेंसी के पुलिसकर्मियों ने जाल बिछाया और असिस्टेंट इंजीनियर निधि मिश्रा को उस समय पकड़ लिया, जब वह ठेकेदार से उसकी फर्म के लंबित बिलों को मंजूरी देने के लिए रिश्वत ले रही थी.
डीएसपी ने बताया कि आरोपी ने साल 2020 में जल जीवन मिशन के तहत किए गए काम के बिलों को मंजूरी देने के लिए अवैध रिश्वत की मांग की और उसे स्वीकार भी किया.
पाठक ने बताया कि काम तय समय से चार महीने देरी से पूरा हुआ और उस अवधि को समायोजित करने के लिए असिस्टेंट इंजीनियर ने अपने और अपने वरिष्ठों की ओर से रिश्वत की मांग की, लेकिन फंस गई. उन्होंने बताया कि भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है और आगे की जांच जारी है.
अक्षय ने कहा कि उनकी फर्म ने कुल 80 लाख रुपये का काम किया था, काम छह माह में होना था लेकिन कोरोना के चलते दस माह में पूरा किया था इसलिए अधिकारियों ने उसका अंतिम भुगतान दस लाख रुपये रोक दिया था। अक्षय पाटीदार तीन साल से भुगतान के लिए परेशान हो रहा था तो उसने सीएम हेल्प लाइन पर भी शिकायत कर दी थी। लेवल चार पर शिकायत पहुंचने पर अधिकारी ठेकेदार का भुगतान करने को तैयार हुए थे। मगर पीएचई की सहायक यंत्री निधि मिश्रा ने भुगतान के एवज में रिश्वत की मांग की थी।
लोकायुक्त ने रिश्वत लेते महिला AE को रंगे हाथ पकड़ा
रिश्वत मांगे जाने से परेशान पाटीदार ने एक जुलाई को एसपी लोकायुक्त को शिकायत कर दी। शिकायत का सत्यापन डीएसपी लोकायुक्त राजेश पाठक ने किया। शिकायत सही पाए जाने पर बुधवार को लोकायुक्त ने ट्रेप की प्लानिंग की और सहायक यंत्री को रिश्वत लेते हुए उनके सरकारी कार्यालय में रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया।
गिरफ्तार AE का कहना उसने SE के कहने पर ली रिश्वत, लोकायुक्त कर रही जाँच
उधर गिरफ्तार महिला अधिकारी ने लोकायुक्त से कहा कि उसने ये रिश्वत अपने अधिकारी अधीक्षण यंत्री के कहने पर ली है, जिसके जवाब में डीएसपी पाठक ने कहा कि महिला अधिकारी ने जिस अधिकारी का नाम लिया है उसकी जाँच के बाद यदि दोषी निकले तो उनपर भी एक्शन होगा।