November 25, 2024

बाबा भोले सत्संग स्थल छोड़कर जा चुके थे लेकिन 47 सेकंड के एक वीडियो क्लिप ने बाबा के झूठ पर से पर्दा हटा दिया

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नई दिल्ली
अपने भक्तों के बीच भोले बाबा नाम से मशहूर हाथरस में सत्संग करने वाले स्वयंभू बाबा सूरजपाल के वकील ने बुधवार को दावा किया था कि भगदड़ मचने से पहले ही बाबा भोले सत्संग स्थल छोड़कर जा चुके थे लेकिन 47 सेकंड के एक वीडियो क्लिप ने बाबा के झूठ पर से पर्दा हटा दिया है। वीडियो क्लिप में दिख रहा है कि बाबा अपने सुरक्षा बलों के भारी भरकम काफिले के साथ तेजी से फरार हो रहा है। बाबा सफेद रंग की कार में बैठा है और उसके आगे पीछे बाइक पर सवार ब्लैक कमांडो उसे एस्कॉर्ट कर रहे हैं। मीडिया ने उस वीडियो क्लिप को साझा किया है। उसकी रिपोर्ट में कहा गया है कि सड़क के किनारे ब्लैक कमाडों को हरकत में आते हुए देखा जा सकता है। उसके बाद बाबा भोले सफेद कार में वहां से काफिले के साथ फरार हो रहा है। बाबा के सत्संग स्थल छोड़ने की जो टाइम सीसीटीवी कैमरे में कैद हुई है, वह प्रत्यक्षदर्शियों द्वारा घटना के बारे में बताए गए समय से मेल खाती है।

इससे पहले बुधवार को सूरजपाल उर्फ नारायण साकार हरि उर्फ भोले बाबा के वकील एपी सिंह ने दावा किया था कि बाबा के अनुयायी कभी भी उनके पैर नहीं छूते हैं। इसलिए उनके पैर छूने की वजह से भगदड़ नहीं मच सकती है। उन्होंने हाथरस में मंगलवार को आयोजित सत्संग में मची भगदड़ और 121 लोगों के मारे जाने के पीछे कुछ असामाजिक तत्वों का हाथ होने का संदेह जताया है।

सिंह ने कल दावा किया था, "कुछ असामाजिक तत्वों ने साजिश रची। जब नारायण साकार हरि कार्यक्रम स्थल से चले गए, उनके वाहन भी चले गए, तो हमारे स्वयंसेवक और अनुयायी साजिश के कारण यह समझने में विफल रहे कि क्या हो रहा है। यह एक योजना के तहत किया गया था और इसकी जांच होनी चाहिए।’’ बहरहाल उत्तर प्रदेश पुलिस ने सत्संग समारोह के आयोजकों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर ली है। उन पर साक्ष्य छिपाने के भी आरोप हैं। इसके अलावा अनुमानित संख्या से ज्यादा लोगों को सभा स्थल पर इकट्ठा कराने और अधिकारियों के साथ जांच में सहयोग नहीं करने के भी आरोप हैं।

FIR में कहा गया है कि आयोजकों ने 80,000 लोगों के जमा होने देने की इजाजत मांगी थी लेकिन इससे कहीं ज्यादा करीब ढाई लाख लोग जमा हो गए थे। इससे सभा स्थल पर भीड़ बहुत ज्यादा बढ़ गई। भीषण गर्मी और उमस के बावजूद कार्यक्रम स्थल पर छोटे गेट बनाए गए थे, जिससे निकलने के दौरान भगदड़ मची और बगल के नाले में एक पर एक लोग गिरते चले गए।

 

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