November 25, 2024

बिहार में महागठबंधन सरकार के 3600 करोड़ के टेंडर रद्द, खामियों के चलते लिया फैसला

0

पटना.

बिहार सरकार पिछले महागठबंधन सरकार के समय की फाइलों को खंगालने में जुटी है। बिहार सरकार ने महागठबंधन सरकार के समय जारी हुए 3600 करोड़ रुपये के ग्रामीण जलापूर्ति कार्यों के टेंडर रद्द कर दिए हैं। लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण (पीएचईडी) मंत्री नीरज कुमार सिंह ने बताया कि महागठबंधन सरकार के समय जारी हुए टेंडरों में खामियां पाई गईं, जिसके बाद ये फैसला लिया गया। अब विभाग जल्द काम के संशोधित निविदाएं जारी करेगा।

मंत्री नीरज कुमार सिंह ने कहा कि विभाग की जांच के बाद ये निर्णय लिया गया है। जांच में पाया गया कि इन टेंडरों को जारी करने में उचित प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया और पर्याप्त क्षेत्रों को कवर नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि विभाग ने पिछली महागठबंधन सरकार के दौरान ग्रामीण जलापूर्ति प्रणाली से संबंधित 3600 करोड़ रुपये के टेंडर रद्द कर दिए हैं। इससे पहले हमने पीएचई विभाग के 826 करोड़ रुपये के 350 टेंडर रद्द किए थे। अब तक विभाग ने पिछली सरकार के दौरान अंतिम रूप दिए गए 4,400 करोड़ रुपये से अधिक के टेंडर रद्द किए हैं। उन्होंने कहा कि जांच में पता चला है कि निविदा प्रक्रिया में उचित प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया था। पर्याप्त क्षेत्रों को भी कवर नहीं किया गया था। अब विभाग जल्द से जल्द काम के लिए संशोधित निविदाएं जारी करेगा। सिंह ने कहा कि ये निविदाएं ग्रामीण जलापूर्ति कार्यों से संबंधित थीं, जिसमें हैंडपंप और मिनी जलापूर्ति प्रणाली की स्थापना शामिल है। उन्होंने कहा कि मैंने जांच रिपोर्ट मिलने के बाद हाल ही में विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक बुलाई थी। उस बैठक के बाद इन निविदाओं को रद्द करने का आदेश जारी किया गया। पिछली सरकार के दौरान राजद नेता ललित यादव पीएचईडी मंत्री थे। सिंह ने कहा कि पिछली सरकार के दौरान पीएचई विभाग के 4600 करोड़ रुपये के कुल 1,160 टेंडर जारी किए गए थे। उन्होंने पाई गई अनियमितताओं के बारे में विवरण देने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि हमने अब तक राज्य के विभिन्न हिस्सों में 1,500 हैंडपंप लगाए हैं। नए क्षेत्रों में तीन हजार और हैंडपंप लगाने की प्रक्रिया जारी है। मंत्री ने कहा कि सरकार ने राज्य के ग्रामीण इलाकों में ट्रीटमेंट यूनिट के साथ सोलर मिनी पाइप्ड वाटर सप्लाई सिस्टम लगाने का फैसला किया है। जनवरी में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आरजेडी से नाता तोड़ लिया और भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए में वापस आ गए। एनडीए के सत्ता में वापस आने के तुरंत बाद सरकार ने आरजेडी मंत्रियों के विभागों द्वारा लिए गए सभी फैसलों की समीक्षा का आदेश दिया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *