बिहार में हो रही भारी बारिश से नदियां भी उफान पर, गंडक नदी में फंसे किसानों की आपबीती, 24 घंटे रहे भूखे-प्यासे
बगहा
बिहार में हो रही भारी बारिश से नदियां भी उफान पर हैं। इसी बीच बगहा जिले में गंडक नदी पार करते वक्त कई किसान बीचों-बीच में फंस गए। जिसमें ज्यादातर महिलाएं शामिल थीं। पूरे 24 घंटे के रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद गोताखोर सभी को लेकर घाट पर पहुंचे। जानकारी के मुताबिक गंडक दियारा के टिकरा और सेमरा रेता में फंसे जानिया देवी, मंजू देवी, सुशीला देवी, सुगंधी देवी, सुशीला देवी ,भगवती देवी, प्रभावती देवी, संगीता देवी, उर्मिला देवी, गायत्री देवी और राजेश्वर बिन को सुरक्षित बाहर निकाला गया।
राजेश्वर बिन ने बताया वो लोग शनिवार की सुबह गंडक पार खेती बड़ी करने गए थे। तभी अचानक गंडक नदी में पानी आ गया। जिससे वह पानी में गिर गए थे। किसी ने बथान की छत पर तो किसी ने खड़े होकर अपनी रात काटी। वार्ड 4 की मंजू देवी का कहना है कि वो लोग 24 घंटे से भूखे प्यासे हैं। वही प्रभावती देवी, संगीता देवी का कहना है कि चारों तरफ पानी के गिरने के बाद उन लोगों ने बथान की छत पर शरण ली एवं पूरी रात जाग कर रात काटी । भूख प्यास के मारे उनका बुरा हाल हो चुका है। वही राजेश्वर बिन का कहना है कि अपने बथान पर रखे मवेशियों के दूध से उन्होंने अपनी रात की भूख मिटाई ।
इधर गंडक पर दियारा में फंसे लोगों के परिजन नारायणपुर घाट पर सुबह से ही अपने परिजनों का इंतजार कर रहे थे। दोपहर बाद ज्यों ही नाव के द्वारा उन्हें नारायणपुर घाट लाया गया परिजनो में अपनो को देखकर उन्हें खुशी का ठिकाना नहीं रहा। रेस्क्यू कर बगहा आई इन महिलाओं ने बताया कि अभी भी दो दर्जन से अधिक लोग दियारा के तमाम जगहों में फंसे हुए हैं। जिन्हें टीम के द्वारा निकालने करने का प्रयास किया जा रहा है।
खेती-बड़ी करने गंडक पार के सेमरा रेता, टिकारा रेता गए किसानों को 24 घंटे के बाद एसडीआरएफ व स्थानीय गोताखोरों के द्वारा रेस्क्यू कर बगहा लाया गया। यह सभी रविवार की दोपहर करीब 3 बजे शहर के नारायणपुर घाट पर लौटे।