राजस्थान की पंचायतों पर तालाबंदी, भजनलाल सरकार की वित्तीय व्यवस्था पर उठ रहे सवाल
जयपुर.
जिस राजस्थान से देश में पंचायती राज की शुरुआत हुई आज वहां पंचायतों पर तालाबंदी की नौबत आ गई है। बीते 2 सालों से वित्त विभाग ने इन पंचायतों को उनके हक का पैसा जारी नहीं किया है, इसके विरोध में आज राजस्थान के सरपंचों ने पंचायतों में तालाबंदी का ऐलान कर दिया है। प्रदेश भर के सरपंच सोमवार को ग्राम पंचायतों में एक दिन की सांकेतिक तालाबंदी करेंगे।
इसके बाद 10 जुलाई को पंचायत समिति स्तर पर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन दिए जाएंगे, इसके बाद 18 जुलाई को जयपुर में विधानसभा का घेराव करेंगे। केंद्र तथा राज्य वित्त आयोग की ग्रांट, नरेगा के लिए केंद्र सरकार की ओर से समय-समय पर जारी किश्तें आखिर कहां गईं? यह बड़ा सवाल अब सरकार के सामने है। बकाया राशि जारी नहीं किए जाने के विरोध में आज राजस्थान के गांवों में पंचायतों पर तालाबंदी की नौबत आ गई है।
पिछले साल मिली थी 22 हजार करोड़ की ग्रांट
केंद्र सरकार की तरफ से राजस्थान को लगातार पंचायतों की ग्रांट का पैसा जारी किया जाता रहा। पिछले साल लगभग 22 हजार करोड़ रुपये और इस साल अप्रैल-मई मिलाकर 1600 करोड़ रुपये राजस्थान को दिए जा चुके हैं। बावजूद इसके यह राशि गांवों को ट्रांसफर नहीं की जा रही है, जिसके चलते गांवों में चलने वाली योजनाएं ठप पड़ चुकी हैं।
ये हैं प्रमुख मांगें –
0- राज्य वित्त आयोग के 2022- 23 के करीब 600 करोड़ व वित्त वर्ष 2023-24 के करीब 2800 करोड़ रुपए बकाया हैं, इन्हें जल्द जारी किया जाए।
0- मनरेगा की सामग्री भुगतान का 4000 करोड़ रुपये 2 साल से बकाया।
0- केंद्रीय वित्त आयोग की प्रथम तथा द्वितीय किश्त के 2900 करोड़ रुपए बकाया।
0- प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री आवास की किश्त जारी नहीं की जा रही है।
इनका कहना है –
हमने अपनी मांगों को लेकर मुख्य सचिव से बात की है। इसके बाद पंचातयी राज मंत्री मदन दिलावर से भी मिले लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। अब हम विधानसभा का घेराव करेंगे।
– बंशीधर गड़वाल, अध्यक्ष, सरपंच संघ, राजस्थान