मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना से बेटियों की शादी की चिंता हुई दूर
मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना कमजोर, आर्थिक परिस्थितियों वाले घरों की बेटियों के हाथ पीले कर माता पिता के आर्थिक बोझ को कम कर रही है। जिनकी घर में बेटियां होती है। उनके माता-पिता को बेटी की शादी योग्य उम्र होते ही चिंता सताने लगती है। हर मां-बाप का सपना होता है कि उनकी बेटी की शादी धूमधाम से हो लेकिन आर्थिक तंगी के कारण सपना अधूरा रह जाता है। ऐसे में मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना से हजारों परिवारों के माता-पिता के आर्थिक बोझ को कम कर उनकी चिंता दूर कर रही है। योजना का मुख्य उद्देश्य गरीब परिवारों को होने वाली आर्थिक परेशानियों को दूर करना, शादी के मौके पर फिजुलखर्ची को रोकना, सामूहिक विवाह के आयोजन से सामाजिक स्थिति में सुधार लाना है। योजना के तहत राज्य सरकार द्वारा आर्थिक सहायता के रूप में 50 हजार रुपए का अनुदान सहायता राशि प्रदान की जाती है। इसके अंतर्गत प्रत्येक कन्या को 21 हजार रुपए की राशि बैंक खाते या बैंक ड्राफ्ट के रूप में प्रदान की जाती है। इसके अलावा 15 हजार रुपए की राशि के उपहार दिए जाते हैं।
जिले में वर्ष 2023-24 में मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के तहत 160 जोड़े विवाह बंधन में बंधे। इनमें से महासमुंद वार्ड नम्बर 5 की निवासी श्रीमती राजकुमारी देवांगन ने बताया कि उनकी शादी मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के तहत 12 मार्च 2024 को हुआ था। उनके पिताजी नहीं है, ऐसे में शादी की चिंता मां और परिवारजनों को सता रही थी। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के माध्यम से उनका पंजीयन किया गया और इस योजना का लाभ मिला। उन्होंने बताया कि वे अभी अपने पति के साथ बेहद खुश है। साथ ही उनकी माता और उनके परिवार सरकार की इस योजना से खुश है। इसी तरह श्रीमती राखी सिक्का ने बताया कि उन्होंने भी इस योजना के तहत शादी की है। गरीबी के चलते शादी करना परिवार वालों के लिए चुनौती थी। इस योजना के चलते यह चुनौती आसानी से हल हो गई। दोनों हितग्राहियों ने मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय को धन्यवाद देते हुए कहा कि इस योजना ने उनके माता-पिता के आर्थिक बोझ को कम कर दिया है।