November 28, 2024

भारतीय सेना ने अग्निवीर सैनिकों के लिए सिफारिशें भेजी, 50 फीसदी होंगे परमानेंट

0

नई दिल्ली
भारतीय सेना ने सिफारिश की है कि अग्निवीर अगर वीरगति (killed in action) को प्राप्त होते हैं तो उनके परिवार को जीवन निर्वहन के लिए पेंशन जैसी मदद दी जाए। साथ ही सेना ने यह भी सिफारिश की है कि 50 पर्सेंट या इससे ज्यादा अग्निवीरों को परमानेंट किया जाए। अभी अग्निपथ स्कीम के तहत अधिकतम 25 पर्सेंट अग्निवीरों को ही परमानेंट करने का प्रावधान है।

सेना ने करीब चार महीने तक अपनी सभी यूनिट से अग्निपथ स्कीम और अग्निवीरों को लेकर फीडबैक लिया और सेना के भीतर ही पूरा सर्वे कराया। सेना ने कुछ दिनों पहले ही फीडबैक और सर्वे के आधार पर अपनी सिफारिशें डिपार्टमेंट ऑफ मिलिट्री अफेयर्स यानी डीएमए को भेजी हैं। डीएमए प्रमुख चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ हैं। सूत्रों के मुताबिक सिफारिश में कहा गया है कि अगर अग्निवीर वीरगति को प्राप्त होते हैं तो उनके परिवार को subsistence allowance (जीवन निर्वाह भत्ता) दिया जाना चाहिए।

अभी नहीं है ऐसा कोई प्रावधान
एक अधिकारी के मुताबिक यह एक तरह से पेंशन ही है। सिफारिश में यह भी कहा गया है कि अगर देश की रक्षा के लिए काम करते हुए अग्निवीर डिसएबल्ड (विकलांग) होते हैं तो उन्हें भी एक्स ग्रेशिया (आर्थिक मदद) दिया जाना चाहिए। अभी अग्निपथ स्कीम में अग्निवीर के लिए इस तरह का कोई प्रावधान नहीं है। सेना की सिफारिश है कि हर बैच में कम से कम 50 पर्सेंट अग्निवीरों को परमानेंट किया जाना चाहिए। इसके साथ ही टेक्निकल आर्म में अग्निवीरों की अधिकतम ऐज बढ़ाने की भी सिफारिश की गई है। सूत्रों के मुताबिक सेना की तरफ से अग्निवीर का कार्यकाल चार साल से बढ़ाने जैसी कोई सिफारिश नहीं की गई है।

जून 2022 में लई गई थी स्कीम
भारतीय सेना में अग्निपथ स्कीम जून 2022 में लागू की गई और इसके साथ ही पुराने भर्ती सिस्टम को पूरी तरह खत्म कर दिया गया। सेना में जितनी भी भर्ती हो रही हैं वह सब अग्निपथ स्कीम के तहत अग्निवीरों की हो रही हैं। स्कीम लागू होने के साथ ही इसे लेकर सवाल भी उठने लगे और इसका विरोध भी होने लगा। हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में वादा किया था कि सरकार में आने पर वे अग्निपथ स्कीम को खत्म कर पुराने भर्ती सिस्टम को लागू करेंगे।

विपक्ष को नहीं पसंद सरकार की नई स्कीम
पहले संसद सत्र में इंडिया गठबंधन ने अग्निपथ स्कीम का विरोध किया और अग्निवीर और रेगुलर सैनिकों के बीच भेदभाव का मसला उठाया। कई रिटायर्ड ऑफिसर कह चुके हैं कि अग्निपथ स्कीम सेना की ऑपरेशनल क्षमता और युद्ध लड़ने की योग्यता को कम करेगी। पूर्व नेवी चीफ एडमिरल केबी सिंह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लिखा कि ‘अग्निपथ स्कीम लाने के पीछे मोटिव सिर्फ पेंशन बिल घटाना था। जबकि तथ्य यह है कि यह स्कीम कॉम्बेट इफेक्टिवनेस को कम करेगी और ये तथ्य नैशनल सिक्योरिटी को समझने वाले सभी लोग जानते हैं’।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *