September 25, 2024

प्रोबेशन के दौरान विशेष सुविधाएं मांगने वालीं एक महिला IAS ट्रेनी का तबादला, पुणे से वाशिम भेजने का फैसला

0

  पुणे

प्रोबेशन के दौरान विशेष सुविधाएं मांगने वालीं एक महिला IAS ट्रेनी का तबादला हो गया है। खबर है कि महाराष्ट्र सरकार ने डॉक्टर पूजा खेड़कर को पुणे से वाशिम भेजने का फैसला किया है। खास बात है कि खेड़कर ने VIP नंबर वाली कार, स्टाफ और गाड़ी जैसी कई विशेष मांग रखी थीं, जो प्रोबेशन पर काम कर रहे अधिकारी को नहीं दी जाती। UPSC में उन्होंने ऑल इंडिया रैंक 821 हासिल की थी।

पद के दुरुपयोग की कई शिकायतों के बाद खेड़कर को पुणे से वाशिम भेज दिया है। अब वह वाशिम में सुपर न्यमरी असिस्टेंट कलेक्टर के तौर पर काम करेंगी। आदेश में कहा गया, '2023 बैच की IAS अधिकारी प्रोबेशन के बचे हुए समय के लिए वाशिम जिले में सुपर न्यूमरी असिस्टेंट कलेक्टर के रूम में सेवाएं देंगी।' कलेक्टर दफ्तर से विशेष मांगें रखने के चलते खेड़कर विवादों में आ गई थीं।

खेड़कर के पिता भी पूर्व प्रशासनिक अधिकारी रह चुके हैं। उन्होंने कथित तौर पर कलेक्टर कार्यालय से बेटी की सभी मांगों को पूरा करने का दबाव बनाया था। कहा जा रहा है कि ऐसा नहीं होने पर उन्होंने परिणामों की धमकी भी दी थी।

पुणे कलेक्टर डॉक्टर सुहास दिवासे ने एडिशनल चीफ सेक्रेटरी नितिन गदरे को पहले एक पत्र भी लिखा था, जिसमें खेड़कर को किसी अन्य जिले में भेजने पर विचार की मांग की गई थी। दिवासे ने उनके व्यवहार को लेकर उनके खिलाफ कार्रवाई किए जाने की भी मांग की थी। उन्होंने जूनियर स्टाफ के साथ गलत व्यवहार किए जाने और एडिशनल कलेक्टर अजय मोरे के चैंबर पर कब्जा करने समेत कई शिकायतें की थीं।

VIP नंबर, ऑडी
वह लाल-नीली बत्ती के साथ अपनी निजी ऑडी कार का इस्तेमाल करती थीं। इसके चलते भी विभाग में हड़कम्प मच गया था। इसके अलावा उन्होंने अपनी कार पर 'महाराष्ट्र सरकार' का बोर्ड भी लगा रखा था। उन्होंने कई अनुचित मांगें भी रखी थीं, जिनमें VIP नंबर प्लेट के साथ एक कार, घर, स्टाफ और एक कॉन्स्टेबल के साथ एक चैंबर शामिल है।

इतना ही नहीं खेड़कर ने एडिशनल कलेक्टर अजय मोरे की गैरमौजूदगी में उनके अगले कमरे पर भी कब्जा कर लिया था। साथ ही कमरे के बाहर अपने नाम का बोर्ड लगा दिया था। उन्होंने एडिशनल कलेक्टर की अनुमति के बगैर वहां मौजूद सभी सामान भी हटा दिया था, जिसमें कुर्सी, सोफा, टेबल शामिल हैं। बाद में उन्होंने रेवेन्यु असिस्टेंट से अपने नाम का लैटरहेड, विजिटिंग कार्ड, पेपरवेट, नेम प्लेट, सील और इंटरकॉम की भी मांग की थी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *