मध्य प्रदेश विधानसभा को जल्द ही बनाया जाएगा पेपरलेस
भोपाल
मध्य प्रदेश की विधानसभा पेपरलेस बनने जा रही है। इस योजना में 60 प्रतिशत लागत का वहन केंद्र सरकार करेगी और राज्य सरकार 40 प्रतिशत खर्च करेगी। इस योजना पर राज्य सरकार के 24 करोड़ रुपये खर्च होना प्रस्तावित है। यह योजना एक साल में पूरी तरह क्रियान्वित हो जाएगी।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में बुधवार को कैबिनेट की बैठक हुई। इसमें कई अहम प्रस्तावों पर मुहर लगी है। प्रदेश के संसदीय कार्य मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने बताया कि राज्य सरकार ने संसदीय कार्य विभाग के मध्य प्रदेश विधानसभा को पेपरलेस बनाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इस पर 24 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। एक साल में प्रोजेक्ट पूरा किया जाएगा। देश की सभी विधानसभाओं को पेपरलेस बनाने और उन्हें एक प्लेटफॉर्म पर लाने के उद्देश्य से भारत सरकार ने नेशनल ई-विधान एप्लीकेशन लॉन्च किया है। मध्य प्रदेश की विधानसभा देश की 13वीं विधानसभा होगी, जो पेपरलेस होने जा रही है।
आदिवासी क्षेत्रों में सात सिंचाई परियोजनाओं को मंजूरी
राज्य सरकार ने नर्मदा घाटी विकास विभाग की सात सिंचाई परियोजनाओं के टेंडर निकालने की अनुमति दी है। नौ हजार 271 करोड़ रुपये की इन परियोजनाओं में सेण्डवा माइक्रो सिंचाई परियोजना, निवाली माइक्रो सिंचाई परियोजना, सेंधवा माइक्रो सिंचाई परियोजना, महेश्वर-जानापाव माइक्रो सिंचाई परियोजना, धार माइक्रो सिंचाई परियोजना शामिल है। यह सभी परियोजनाएं आदिवासी इलाकों में है, जिससे वहां के किसानों को लाभ मिलेगा। इसी तरह कैबिनेट ने सीधी में नई बोकरो माइक्रो सिंचाई परियोजना को भी मंजूरी दे दी है। इस पर 46 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इस परियोजना से 3310 हैक्टेयर की जमीन की सिंचाई हो सकेगी। इसका लाभरामपुरा नेकिन तहसील के 11 गांवों को मिलेगा।
छात्रवृत्ति में वृद्धि
विमुक्त, घुमन्तु और अर्द्वघुमन्तु कल्याण विभाग के अंतर्गत संचालित छात्रावासों और सामुदायिक केंद्रों में रह रहे छात्र-छात्राओं की छात्रवृत्ति बढ़ाई गई है। अब विभाग के छात्र-छात्राओं को अनुसूचित जाति कल्याण जनजातीय कार्य विभाग से निर्धारित छात्रवृत्ति की दरों में वृद्वि दी जाएगी। बालकों को 1,230 की जगह 1,550 रुपये मिलेंगे। बालिकाओं को 1,270 की जगह अब 1,590 रुपये प्रतिमाह दिए जाएंगे।
सांवेर जेल के लिए 217 करोड़ रुपये मंजूर
कैबिनेट ने इंदौर में सांवेर रोड पर निर्माणाधीन केंद्रीय जेल के शेष निर्माण कार्यों के लिए 217 करोड़ रुपये की राशि के लिए प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की है।