September 25, 2024

भारत में छोटे शहरों में 65 प्रतिशत पहुंचा डिजिटल लेनदेन का आंकड़ा, UPI बना पहली पसंद

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नई दिल्ली

भारत के छोटे शहरों में अब 65 प्रतिशत लेनदेन डिजिटल से किया जा रहा है। किर्नी इंडिया और अमेजन पे  इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, डिजिटल भुगतान क्रांति का नेतृत्व भारत के सहस्राब्दी (25-43 वर्ष की आयु) और जेन एक्स (44-59 वर्ष की आयु) द्वारा किया जा रहा है। बूमर्स (60 वर्ष और उससे अधिक) के पास युवा समूहों की तुलना में अधिक कार्ड और ई-वॉलेट का उपयोग किया जाता है।

भारत के छोटे शहरों में डिजिटल पेमेंट तेजी से बढ़ रहा है। इसको लेकर अमेजन पे ने एक रिपोर्ट पेश की है जिससे  पता चला कि भारत के छोटे शहरों में उपभोक्ताओं द्वारा लगभग 65 प्रतिशत लेनदेन अब डिजिटल हो रहा है, जबकि बड़े शहरों में यह अनुपात लगभग 75 प्रतिशत है।

किर्नी इंडिया और अमेजन पे इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, डिजिटल भुगतान में क्रांती आई है, जिसका नेतृत्व भारत के सहस्राब्दी (25-43 वर्ष की आयु) और जेन एक्स (44-59 वर्ष की आयु) द्वारा किया जा रहा है। पार्टनर, फाइनेंशियल सर्विसेस लीड, किर्नी इंडिया की शाश्वत शर्मा, ने कहा, ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों लेनदेन में युवा डिजिटल भुगतान को व्यापक रूप से अपनाने से लेकर बीएनपीएल (अभी खरीदें, बाद में भुगतान करें) जैसी उभरती भुगतान ट्रेंड को लेकर भारत में भुगतान का परिदृश्य बदल रहा है।

लेन-देन हुआ आसान
उन्होंने बताया कि यह रिपोर्ट 120 शहरों, 6,000 से अधिक उपभोक्ताओं और 1,000 व्यापारियों के सर्वेक्षण पर आधारित है। रिपोर्ट के अनुसार, नकद लेनदेन कम होने के कारण यूपीआई, डिजिटल वॉलेट और कार्ड का व्यापक आकर्षण बढ़ रहा है, जिसमें 69 प्रतिशत व्यापारिक लेनदेन डिजिटल मोड से हो रहे हैं। अमेजॉन पे इंडिया के सीईओ विकास बंसल ने कहा, भारत की डिजिटल भुगतान क्रांति क्षेत्रों में हो रही है, जो उपभोक्ताओं और व्यापारियों द्वारा समान रूप से प्रेरित है। सड़क विक्रेताओं और छोटे शहरों में भी डिजिटल लेनदेन के प्रवेश के साथ, हम अब एक महत्वपूर्ण मोड़ पर हैं। अमेजन पे इस बदलाव में सबसे आगे रहने और सभी क्षेत्रों में भारतीयों को यह सुविधा देना चाहता है।

यूपीआई भुगतान में 30% का उछाल

भारत में डिजिटल पेमेंट (Digital Payment) का दायरा बढ़ता जा रहा है. छोटे दुकानदारों से लेकर बड़े-बड़े शोरूम में भी यूपीआई (UPI) के माध्यम से भुगतान बढ़ता जा रहा है. भारत सरकार (Indian Government) भी डिजिटल भुगतान (Digital Payment) को बढ़ावा देने के कई प्रयास कर रही है. शहरी और ग्रामीण इलाकों में यूपीआई (UPI Payment) के माध्यम से होने वाली संख्या में वृद्धि हो रही है.
सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय ने हाल ही में सर्वे के आंकड़े जारी किये हैं. जिसमें बताया कि ग्रामीण इलाकों में ऑनलाइन पेमेंट (Online Payment) करने या भुगतान करने के लिए इंटरनेट का इस्तेमाल 2022-23 के बीच 13.5 प्रतिशत बढ़ गया. पहले यह 7.7 प्रतिशत था.

शहरी इलाकों में ऑनलाइन भुगतान का प्रतिशत पहले 21.6 प्रतिशत था, जो अब बढ़कर 30.2 प्रतिशत हो गया है. शहरी और ग्रामीण दोनों ही क्षेत्रों में यूपीआई पेमेंट संयुक्त रूप से 7.2 प्रतिशत बढ़ा.

लोगों की पसंद बनता जा रहा डिजिटल भुगतान

देश में डिजिटल पेमेंट (Digital Payment) के लिए कई प्लेटफार्म का इस्तेमाल किया जा रहा है. असंगठित क्षेत्र में डिजिटल भुगतान तेजी से बढ़ रहा है. सर्वे में यह भी बताया गया है कि ग्रॉस वैल्यू एडिशन में 9.83 प्रतिशत, कर्मचारियों की संख्या में 7.84 प्रतिशत, असंगठित क्षेत्र में अनुमानित प्रतिष्ठानों की संख्या में 5.88 प्रतिशत की वृद्धि हुई. आई के उपयोग में भी इजाफा हुआ है. पूंजीगत निवेश में भी वृद्धि हुई है.

साल 2022-23 में बकाया लोन बढ़कर 50,138 रुपये हो गया. जो 2021-22 में 37,408 रुपये प्रति इकाई था. जमीनी स्तर पर महिला केन्द्रित योजनाओं की संख्या में इजाफा हो रहा है. इसके अलावा लगभग 54 फीसदी असंगठित क्षेत्र की इकाइयों का स्वामित्व महिला उद्यमियों के पास है.

गैर-कृषि असंगठित क्षेत्र की इकाइयों की औसत फिक्स्ड एसेट्स वैल्यू पहले 2.81 लाख रुपये थी. जो साल 2022-23 में 3.18 लाख रुपये तक पहुंच गई. जिसे देखकर यह अनुमान लगाया जा रहा है कि इस सेक्टर में पूंजीगत निवेश में वृद्धि हुई है.

 

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