कोर्ट ने 25 जुलाई तक बढ़ाई न्यायिक हिरासत, अरविंद केजरीवाल को बड़ा झटका, सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?
नई दिल्ली
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को बड़ा झटका लगा है। सीबीआई के मामले में राउज एवेन्यू कोर्ट ने उनकी न्ययिक हिरासत 25 जुलाई तक बढ़ा दी है। अरविंद केजरीवाल दिल्ली शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में तिहाड़ जेल में बंद हैं। आज उनकी न्यायिक हिरासत की अवधि खत्म होने के बाद सीबीआई ने उन्हें कोर्ट में पेश किया था जिसके बाद उनकी न्यायिक हिरासत 14 दिनों के लिए बढ़ा दी गई है। यानी वह 25 जुलाई तक न्यायिक हिरासत में रहेंगे। सीबीआई ने अरविंद केजरीवाल को 26 जून को गिरफ्तार किया था। गिरफ्तारी के बाद कुछ दिनों तक सीबीआई की कस्टडी में रहने के बाद उन्हें न्यायिक हिरासत में भेद दिया गया था। सीबीआई उनके खिलाफ शराब घोटाले से जुड़़े भ्रष्टाचार के मामले की जांच कर रही है। राउज एवेन्यू कोर्टा का यह फैसला ऐसे समय में सामने आया है जब आज ही सुप्रीम कोर्ट ने ईडी के केस में अरविंद केजरीवाल को अंतरिम जमानत दी है। दरअसल अरविंद केजरीवाल ने ईडी की गिरफ्तारी को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने मामले को बड़ी बेंच को ट्रांसफर करते हुए सुनवाई होने तक उन्हें अंतरिम जमानत देदी। हालांकि जमानत मिलने के बाद भी केजरीवाल जेल में ही रहेंगे। ऐसा इसलिए क्योंकि सीबीआई भी उन्हें गिरफ्तार कर चुकी है।
सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?
सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल को अंतरिम राहत देते हुए कहा, यह निर्णय केजरीवाल को करना है कि वह मुख्यमंत्री पद पर बने रहेंगे या नहीं। जस्टिस संजीव खन्ना औरजस्टिस दीपांकर दत्ता की पीठ ने कहा, ‘‘हम इस तथ्य से अवगत हैं कि अरविंद केजरीवाल निर्वाचित नेता हैं। पीठ ने यह भी कहा कि केजरीवाल 90 दिनों सेज्यादा समय से जेल में हैं। पीठ ने ईडी मामले में उनकी गिरफ्तारी की वैधता से संबंधित प्रश्नों को वृहद पीठ के पास भेज दिया। अदालत ने कहा कि चूंकि मामला जीवन के अधिकार से संबंधित है और गिरफ्तारी का मुद्दा बड़ी पीठ को सौंप दिया गया है इसलिए केजरीवाल को अंतरिम जमानत पर रिहा किया जाए। शीर्ष अदालत ने ईडी की शक्ति,धन शोधन निवारण अधिनियम की धारा 19 के तहत गिरफ्तारी की आवश्यकता और ईडी द्वारा गिरफ्तारी की नीति से संबंधित तीन प्रश्न तैयार किए हैं। पीठ ने कहा कि केजरीवाल को 10 मई के आदेश की शर्तों के अनुसार अंतरिम जमानत पर रिहा किया जाएगा।
शीर्ष अदालत ने हाल में संपन्न लोकसभा चुनावों के दौरान चुनाव प्रचार के लिए 10 मई को केजरीवाल को अंतरिम जमानत पर रिहा किया था। साथ ही कहा था कि केजरीवाल अपनी अंतरिम जमानत की अवधि के दौरान अपने कार्यालय या दिल्ली सचिवालय नहीं जाएंगे। अदालत ने कई शर्तों के अलावा केजरीवाल से कहा था कि 21 दिन की अंतरिम जमानत अवधि के दौरान वह उपराज्यपाल की मंजूरी प्राप्त करने के लिए अत्यंत आवश्यक होने पर ही किसी आधिकारिक फाइल पर हस्ताक्षर करें। शीर्ष अदालत ने मामले में 21 मार्च को ईडी द्वारा की गई गिरफ्तारी की वैधता को चुनौती देने वाली केजरीवाल की याचिका पर अपना फैसला 17 मई को सुरक्षित रख लिया था। शीर्ष अदालत ने धनशोधन मामले में अपनी गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली केजरीवाल की याचिका पर 15 अप्रैल को ईडी से जवाब मांगा था।